जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड (जेआईएल) के लगभग 20,000 घर खरीदारों के लिए अच्छी खबर है। पूर्ववर्ती 'घोस्ट टाउन' में कम से कम 59 अधूरे टावरों पर काम तेज होने लगा है। आपको बता दें कि हजारों घर खरीदार पिछले 13 साल से अधिक समय से अपने फ्लैटों के मिलने का इंतजार कर रहे हैं। इस साल मार्च में, नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड को खरीदने और नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अटके प्रोजेक्ट का काम पूरा करने के लिए मुंबई स्थित सुरक्षा समूह की बोली को मंजूरी दे दी थी।
250 करोड़ रुपये का निवेश
सुरक्षा कर्ज में डूबी जेपी समूह की कंपनी में 250 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है, साथ ही अगले चार वर्षों में फ्लैटों को पूरा करने के लिए 3,000 करोड़ रुपये का ऋण भी दे रही है। एक घर खरीदार जयश्री स्वामीनाथन, जिसने एक दशक से पीड़ा झेली है, उसे राहत है कि अधिकांश खरीदारों के लिए इंतजार जल्द ही खत्म हो जाएगा।
किसानों को मुआवजा देने पर सहमति
सुरक्षा समूह ने हाल ही में यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण को एक प्रस्ताव सौंपा है, जिसमें कुछ शर्तों के साथ लगभग 20,000 फ्लैट बनाने और किसानों को मुआवजा देने पर सहमति व्यक्त की गई है। अगस्त 2017 में, एनसीएलटी ने नोएडा स्थित रियल्टी प्रमुख के खिलाफ दिवालिया कार्यवाही शुरू की थी। इस प्रोजेक्ट में करीब 18,767 सक्रिय घर खरीदार थे जिन्होंने 8,676 करोड़ रुपये की सामूहिक मूल राशि का भुगतान किया था। लगभग 413 घर खरीदारों ने अपनी बुकिंग रद्द कर दी और उनका 64 करोड़ रुपये का रिफंड अभी भी लंबित है। लगभग 1,410 खरीदारों को 528 करोड़ रुपये मूल्य के कब्जे के प्रस्ताव जारी किए गए, लेकिन कोई पंजीकरण नहीं हुआ।
इनपुट: आईएएनएस