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खेती करना होगा और महंगा! DAP-पोटाश समेत इन उर्वरकों के बढ़ सकते हैं दाम

इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको) ने पिछले महीने डीएपी (50 किलोग्राम बैग) की अधिकतम खुदारा मूल्य 1,200 रुपये से बढ़ाकर 1,350 रुपये कर दिया है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: April 05, 2022 15:40 IST
uriya- India TV Paisa
Photo:FILE

uriya

Highlights

  • अंतरराष्ट्रीय बाजार में काफी महंगे दामों में बिक रहे उर्वरक
  • यूक्रेन-रूस युद्ध संकट से उर्वरकों की दाम तेजी से बढ़े
  • ब्राजील में यूरिया की 50 किलो की कीमत 3600 रुपये

नई दिल्ली। किसानों के लिए खेती करना और महंगा होने वाला है। दरअसल, डीजल की बढ़ी कीमतों के बीच डीएपी-पोटाश समेत कई उर्वरकों की कीमत में बढ़ोतरी से यह संकट पैदा होने की आशंका है। बढ़ी महंगाई के बीच अधिकांश उर्वरक बनाने वाली कंपनियों के खाद के दाम में इजाफा कर दिया है। इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको) ने पिछले महीने डीएपी (50 किलोग्राम बैग) की अधिकतम खुदारा मूल्य 1,200 रुपये से बढ़ाकर 1,350 रुपये कर दिया है। वहीं एनपीकेएस उर्वरक की कीमत 1290 रुपये से बढ़ाकर 1,400 रुपया कर  दिया है। 

पोटाश के दाम भी बढ़ाने की तैयारी 

मिली जानकारी के मुताबिक, कई कंपनियां पोटाश की एमआरपी 1,700 से लेकर 1,750 रुपये पर बनाए हुए हैं जो पिछले रबी सीजन 2021-22 में 1,130 रुपये प्रति बैग के वार्षिक औसत के मुकाबले, जबकि नया एमआरपी वर्तमान आयात मूल्य पर 2,400 से 2,450 रुपये (सब्सिडी के बिना) हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक यूक्रेन-रूस युद्ध संकट से अलग अमेरिका द्वारा ईरान पर लगाए गए कड़े प्रतिबंधों ने भी अंतराष्ट्रीय बाजार में उर्वरकों की दाम को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 

उर्वरकों पर सरकार ने बढ़ाई है सब्सिडी

अंतरराष्ट्रीय बाजार में फर्टलाइजर की कीमत बढ़ने के असर को कम करने के लिए सरकार ने डीएपी, पोटाश समेत दूसरे जरूरी उर्वरकों पर मिलने वाली सब्सिडी में दोगुनी से अधिक की बढ़ोतरी की है। डीएपी पर सब्सिडी को प्रति बैक 500 रुपये से बढ़ाकर 1200 रुपये कर दिया गया है। कीमत को कंट्रोल रखने के लिए सरकार पोटाश पर सब्सिडी को बढ़ाकर 1450 से 1500 रुपये कर सकती है। सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए फॉस्फोरस और पोटाश सब्सिडी पर 42,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जबकि संशोधित अनुमान (आरई) में इसे 2021-22 के दौरान 20,720 करोड़ से बढ़ाकर 64,150 करोड़ रुपये कर दिया गया है। सरकार लगातार यह प्रयास कर रही है कि उर्वरकों की बढ़ती कीमतों के कारण किसानों पर आर्थिक बोझ नहीं बढ़े। 

अंतरराष्ट्रीय बाजार कीमत बढ़ने का असर 

अमेरिका, ब्राजील, पाकिस्तान और चीन जैसे देशों में यूरिया, डायअमोनियम फॉसफेट (डीएपी) और म्यूरिएट ऑफ पोटाश (एमओपी) काफी महंगे दामों में बिक रहे हैं। ब्राजील में भारत से 13.5 गुना अधिक है यूरिया की कीमत है। ब्राजील में यूरिया की 50 किलो की कीमत 3600 रुपये है। सूत्रों का कहना है कि अगर उर्वरकों की कीमत में इसी तरह तेजी आती रही तो इस वित्ती वर्ष में इनकी खरीद की लागत दो लाख करोड़ रुपये तक जा सकती है। 

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