Highlights
- किसानों ने अपनी फसल निजी व्यापारियों के हाथों बेचा
- 2015 रुपए की जगह 2,150 रुपए प्रति क्विंटल की दर से की गई बिक्री
- MSP की तुलना में 5,994 करोड़ रुपए का फायदा
कृषि मंत्रालय से जारी एक बयान में यह कहा गया कि किसान इस साल अपनी गेहूं की फसल सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर बेचने के बजाय अधिक दाम पर निजी व्यापारियों के हाथों बेच रहे हैं। अधिक दर पर निजी व्यापारियों को गेंहू की बिक्री करने पर किसानों को इस बार लगभग 5,994 करोड़ रुपए की मुनाफा हुआ है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि किसानों ने कथित तौर पर अपनी उपज 2,150 रुपए प्रति क्विंटल की औसत दर से बेची है। एमएसपी मूल्य की तुलना में खुले बाजार में बेचने से किसानों की अधिक कमाई हुई है।
MSP की तुलना में 5,994 करोड़ रुपए का फायदा
मंत्रालय ने बताया कि इस साल किसानों ने 444 लाख टन गेंहू बेचा है। इस हिसाब से किसानों ने औसतन 2,150 रुपए प्रति क्विंटल की दर से 95,460 करोड़ रुपए कमाए हैं। यदि यही फसल किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर बेचता तो उसे 2015 रुपए प्रति क्विन्टल की दर से बेचना पड़ता। ऐसे में उनका व्यापार कुल 89466 करोड़ रुपए का होता। इस प्रकार किसानों को एमएसपी की तुलना में कुल मिलाकर 5,994 करोड़ रुपए से अधिक का लाभ हुआ है।
मुनाफे के पीछे क्या है वजह
मंत्रालय ने कहा कि ‘‘सार्वजनिक खरीद में गिरावट का कारण निजी व्यापारियों द्वारा गेहूं की काफी अधिक खरीद है। इसका कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में मौजूदा वैश्विक स्थितियों की वजह से मांग-आपूर्ति में अंतर के से गेहूं की कीमत का बढ़ना है।’’