नौकरियों की दुनिया में अगले पांच सालों में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। एक ताजा स्टडी में कहा गया है कि आने वाले पांच सालों में खेत मजदूर और ड्राइवर की नौकरी सबसे तेजी से बढ़ने वाली नौकरियों में शुमार होंगी, जबकि, कैशियर और टिकट क्लर्क जॉब्स में सबसे ज्यादा कमी आने की संभावना है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, फ्यूचर ऑफ़ जॉब्स रिपोर्ट 2025 में, वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। इसमें कहा गया है कि 2030 तक 17 करोड़ नई नौकरियां पैदा होंगी, जबकि 9.2 करोड़ लोगों के विस्थापित होने का अनुमान है, जिसके चलते 7.8 करोड़ नई नौकरियां पैदा होंगी।
सबसे तेजी से बढ़ने वाली नौकरियां
पांच सबसे तेजी से बढ़ने वाली नौकरियों की लिस्ट में खेत मजदूर, मजदूर और दूसरे कृषि श्रमिक सबसे ऊपर होंगे, इसके बाद हल्के ट्रक या डिलीवरी सेवा चालक, सॉफ्टवेयर और एप्लिकेशन डेवलपर, बिल्डिंग किसान, फिनिशर और संबंधित ट्रेड श्रमिक और दुकान विक्रेता होंगे।
सबसे तेजी से घटने वाली नौकरियां
पांच सबसे तेजी से घटने वाली नौकरियों की लिस्ट में कैशियर और टिकट क्लर्क सबसे ऊपर हैं। फिर प्रशासनिक सहायक और कार्यकारी सचिव; बिल्डिंग केयरटेकर, क्लीनर और हाउसकीपर; सामग्री-रिकॉर्डिंग और स्टॉक-कीपिंग क्लर्क; और प्रिंटिंग और संबंधित ट्रेड श्रमिक हैं। इनके बाद अकाउंटिंग, बुककीपिंग और पेरोल क्लर्क; अकाउंटेंट और ऑडिटर; ट्रांसपोर्टेशन अटेंडेंट और कंडक्टर; सुरक्षा गार्ड; बैंक टेलर और संबंधित क्लर्क; डेटा एंट्री क्लर्क; क्लाइंट सूचना और ग्राहक सेवा कर्मचारी; ग्राफिक डिजाइनर और दावा समायोजक, परीक्षक और जांचकर्ता होंगे।
1,000 से ज्यादा कंपनियों के डेटा के आधार पर स्टडी
खबर के मुताबिक, 20-25 जनवरी को दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की सालाना मीटिंग से कुछ दिन पहले जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि 2030 तक नौकरियों में व्यवधान 22 प्रतिशत नौकरियों के बराबर होगा। इसमें कहा गया है कि तकनीकी प्रगति, जनसांख्यिकीय बदलाव, भू-आर्थिक तनाव और आर्थिक दबाव इन परिवर्तनों के प्रमुख चालक हैं, जो दुनिया भर में उद्योगों और व्यवसायों को नया रूप दे रहे हैं। 1,000 से ज्यादा कंपनियों के डेटा के आधार पर, अध्ययन में पाया गया कि कौशल अंतर आज भी व्यवसाय परिवर्तन के लिए सबसे बड़ी बाधा बना हुआ है।
इस तरह के स्किल की मांग में तेजी से बढ़ोतरी होगी
रिपोर्ट में कहा गया है कि नौकरी के लिए जरूरी लगभग 40 प्रतिशत कौशल बदलने वाले हैं, और 63 प्रतिशत नियोक्ता पहले से ही इसे अपने सामने आने वाली मुख्य अड़चन के तौर पर कोट करते हैं। इसमें कहा गया है कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई), बिग डेटा और साइबर सुरक्षा में टेक्निकल स्किल की मांग में तेजी से बढ़ोतरी होने की उम्मीद है, लेकिन क्रिएटिव सोच, लचीलापन और चपलता जैसे मानवीय कौशल महत्वपूर्ण बने रहेंगे। तेज़ी से बदलते जॉब मार्केट में टेक्नोलॉजी और मानवीय कौशल दोनों को मिलाना बहुत जरूरी होगा।