Fake Review: आज का जमाना डिजिटल का है। लोग ऑफलाइन प्रोडक्ट खरीदने से पहले उसके बारे में एक बार ऑनलाइन रिव्यू पढ़ते हैं ताकि सही जानकारी के बारे में पता चल सके, लेकिन कई कंपनियां फेक रिव्यू की मदद से खराब से खराब प्रोडक्ट को बेचने में कामयाब हो जाती हैं। ऐसे में आम ग्राहक को नुकसान उठाना पड़ता है। इसी समस्या के समाधान के लिए सरकार एक नए नियम पर काम कर रही है।
इस वजह से सरकार कर रही ऐसा
उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने बताया कि सरकार ई-कॉमर्स वेबसाइट, होटल और यात्रा बुकिंग प्लेटफॉर्म पर फर्जी समीक्षाओं तथा असत्यापित स्टार रेटिंग से निपटने की रूपरेखा को अगले सप्ताह सार्वजनिक करेगी। चूंकि ई-कॉमर्स में उत्पाद को छूकर देखने का विकल्प नहीं होता है, इसलिए उपभोक्ता उन उपयोगकर्ताओं की राय और अनुभव पर काफी भरोसा करते हैं, जिन्होंने पहले ही सामान या सेवाओं को खरीदा है।
डीओसीए ने उठाया कदम
ऐसे में फर्जी समीक्षाएं और स्टार रेटिंग उपभोक्ताओं को ऑनलाइन उत्पाद और सेवाएं खरीदने के लिए गुमराह करती है। नकली रिव्यू की जांच करने के लिए उपभोक्ता मामलों के विभाग (डीओसीए) ने कदम उठाया है। इसके तहत भारत में ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा अपनाई जा रही मौजूदा व्यवस्था और वैश्विक स्तर पर अध्ययन करने के बाद एक मसौदे को अंतिम रूप दिया है।
अगले सप्ताह होगी प्रकाशित
उन्होंने कहा, ‘‘हितधारकों के साथ विचार-विमर्श के बाद, हमने फर्जी समीक्षाओं से निपटने के लिए एक रूपरेखा को अंतिम रूप दिया है। बीआईएस (भारतीय मानक ब्यूरो) भी एक मानक लाया है। फर्जी समीक्षा पर काबू पाने की रूपरेखा अगले सप्ताह प्रकाशित की जाएगी।’’