केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को आगाह किया कि खुदरा निवेशकों के जोखिम भरे फ्यूचर्स एंड ऑप्शन (F&O) कारोबार में आने और इसमें ‘बेलगाम तेजी’ भविष्य में परिवारों की जमा-पूंजी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती हैं। उन्होंने यहां शेयर बाजार बीएसई में एक कार्यक्रम में कहा कि वायदा एवं विकल्प (F&O) खंड में खुदरा कारोबार में कोई भी बेलगाम तेजी न केवल बाजार के लिए बल्कि निवेशकों की भावनाओं और परिवार के स्तर पर जमा-पूंजी को लेकर भी आने वाले समय में समस्याएं पैदा कर सकती है।
10 में से नौ खुदरा निवेशकों को होता है नुकसान
सीतारमण ने कहा कि पारिवारिक बचत में एक पीढ़ीगत बदलाव हुआ है। हम उसे सुरक्षित रखना चाहते हैं। बाजार नियामक सेबी के एक अध्ययन से पता चला है कि 10 में से नौ खुदरा निवेशकों को वायदा और विकल्प कारोबार में नुकसान होता है। वित्त मंत्री ने बीएसई से कड़े अनुपालन और मजबूत नियामकीय मानकों के जरिये निवेशकों का भरोसा बढ़ाने के लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के साथ मिलकर काम करने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि बीएसई और एनएसई को प्रणालीगत जोखिम को कम करना चाहिए तथा बाजार की स्थिरता सुनिश्चित करनी चाहिए।
भारतीय स्टॉक में कर रहे हैं अधिक निवेश
वित्त मंत्री ने कहा कि अधिकांश भारतीय अब शेयर बाजारों में निवेश कर रहे हैं और उनकी घरेलू बचत को मजबूती से संरक्षित किया जाना चाहिए। वित्त मंत्री ने कहा कि मध्यम वर्ग के परिवारों को एहसास है कि भले ही बाजारों में निवेश के अपने जोखिम हैं, लेकिन इसमें ज्यादा "बेहतर रिटर्न" मिलता है। सीतारमण ने कहा, "हमें शेयर बाजारों में भारतीयों द्वारा दिखाए जा रहे भरोसे की रक्षा करनी चाहिए और उसे मजबूती प्रदान करनी चाहिए।" वित्त मंत्री ने कहा कि मध्यमवर्गीय परिवार के लोग अब शेयरों में निवेश के नए-नए तरीके खोज रहे हैं और डीमैट खाते खोल रहे हैं, जो पहले कभी नहीं देखा गया।