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Explained: वर्ल्ड डिप्लोमेसी में बढ़ी भारत की धाक, बड़े वैश्विक संगठनों को होता है हमारे जवाब का इंतजार

"भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाला देश और पांचवें या छठे सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश है। उसे ज़रूरत नहीं है कि वो अमेरिका (America) और चीन (China) के धुरी में शामिल हो।"

Written By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Updated on: August 13, 2022 12:06 IST
वर्ल्ड डिप्लोमेसी में...- India TV Paisa
Photo:INDIA TV वर्ल्ड डिप्लोमेसी में बढ़ी भारत की धाक

Highlights

  • दूसरे देशों को अपनी नीति में बदलाव लाने की भारत ने दी सलाह
  • सॉफ़्ट डिप्लोमेसी बनी भारत की ताक़त
  • भारत के पास है दुनिया का दुसरा सबसे बड़ा मार्केट

Explained: तारीख़ थी 3 जून 2022।  शाम के समय सोशल मीडिया (Social Media) पर दुनिया में भारत की वर्ल्ड डिप्लोमेसी की ताक़त दिखाने वाला एक वीडियो वायरल (Viral Video) हो रहा था। ग्लोबसेक-2022 फोरम (Globsec-2022 Forum) में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाला देश और पांचवें या छठे सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश है। अब भारत अपने पसंद का साथी चुनने का पूरा हक़ रखता है। उसे ज़रूरत नहीं है कि वो अमेरिका (America) और चीन (China) के धुरी में शामिल हो। आप भारत के ऊपर ऐसी बातों को थोप नहीं सकते हैं। 

दूसरे देशों को अपनी नीति में बदलाव लाने की भारत ने दी सलाह

जब रूस और यूक्रेन में युद्ध (Russian Ukraine War) शुरू हो गया था। तब पूरा विश्व रूस (Russia) से तेल न ख़रीदने को लेकर भारत पर दबाव बनाता रहा कई देशों ने पाबंदियां लगाने तक की धमकी दी लेकिन भारत अपनी रणनीति से पीछे नहीं हटा। जब इस मामले में एस जयशंकर से जवाब माँगा गया कि क्यों भारत रूस का साथ दे रहा है। उन्होने बड़ी शालीनता से जवाब देते हुए कहा था कि भारत जितना महीनों में तेल का आयात करता है उतना यूरोप कुछ घंटे में कर लेता है तो यूरोप को यह बताने की ज़रूरत नहीं है भारत की विदेश नीति और भारत की दूसरे देशों के साथ संबंध कैसे होनी चाहिए पहले ख़ुद की नीति में सुधार लाएँ।

सॉफ़्ट डिप्लोमेसी बनी भारत की ताक़त

ब्रॉड फाइनेंस की ग्लोबल पावर सॉफ़्ट इंडेक्स (Global Power Soft Index) द्वारा जारी किए गए रिपोर्ट के मुताबिक सॉफ़्ट डिप्लोमेसी में भारत दुनिया में 27 वें नंबर पर है। सॉफ़्ट डिप्लोमेसी किसी भी देश की वह क्षमता होती है जिसकी मदद से वह किसी को अपनी बातों पर सहमति जताने के लिए विवश कर सकता है। आज के समय में भारत उसी नीति पर काम कर रहा है। आपने देखा होगा कि भारत की रूस यूक्रेन युद्ध पर तटस्थ भूमिका दुनिया में चर्चा का विषय बनी हुई है। यूक्रेन चाहता है कि भारत रूस से बात करके इस युद्ध को रोकने में उसकी मदद करे। 

दुनिया की सबसे बड़ी ताक़त कहलाने वाला देश अमेरिका इस बात की उम्मीद लगाए बैठा है कि भारत अगर चाहे तो रूस और अमेरिका के बीच मध्यस्थता करा सकता है दुनिया के लगभग देश या तो रूस के साथ या फिर रूस के ख़िलाफ़ खड़े होते नज़र आ रहे हैं जबकि भारत इस मामले पर अपनी चुप्पी साधे हुए है। 

Indians in world

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Indians in world

चीन के दिए घाव पर भारत का मरहम

हमारे यहाँ एक कहावत है दर्द देना तो सभी को आता है लेकिन जो मरहम लगाते हैं, बात उसी की होती है। एक तरफ़ चीन जिसने दुनिया को कोरोना (Corona) जैसी भयंकर महामारी देकर अब तक का सबसे बड़ा संकट खड़ा कर दिया था और दूसरी तरफ़ भारत दुनिया को महामारी से निपटने में मदद करने की पूरी कोशिश करता रहा। जब पूरी दुनिया महामारी के चपेट से जूझ रही थी तब भारत इकलौता ऐसा देश था जो खुले हाथों से दुनिया के तमाम देशों की मदद कर रहा था, गरीब देशों को मुफ़्त में वैक्सीन बाँट रहा था। भारत की वैक्सीन डिप्लोमेसी ने दुनिया में उसकी न केवल धाक बढ़ायी बल्कि दुनिया को भारत के साथ क़दम से क़दम मिलाकर चलने पर मजबूर कर दिया।

Wheat Export

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भारत के पास है दुनिया का दुसरा सबसे बड़ा मार्केट

भारत के साथ दुनिया को खड़ा होने पर इसलिए मजबूर होना पड़ रहा है क्योंकि भारत के पास दुनिया का दुसरा सबसे बड़ा मार्केट है। कोई भी देश ये नहीं चाहेगा कि अपने सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार देश से दुश्मनी लें। इस समय की हालात पर नजर डाले तो दुनिया के कई देश मंदी की चपेट में आने की डर से जूझ रहे हैं, जबकि भारत में स्थिति सामान्य है। अमेरिका में 41 साल के रिकॉर्ड स्तर पर महंगाई चली गई है। भारत के पड़ोसी देश नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका में खाने के लाले पड़े हुए हैं। चीन में लोगों को बैंको से पैसा नहीं मिल रहा है। वहां का रियल स्टेट तबाह होने की कगार पर आ गया है। चीन की सरकार ने रियल स्टेट को मदद करने से हाथ खड़ा कर दिया है। ऐसी परिस्थिति में कोई भी देश भारत की बात को ध्यान से सूनना चाहेगा।

Money Order to India

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Money Order to India

दुनियाभर के विदेश मंत्री कर रहे भारत का दौरा

जब से रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध शुरु हुआ है तब से भारत की रणनीति से सभी देश हैरान हैं। दुनिया भर से अब तक 10 से अधिक देशों के विदेश मंत्री और विदेश सचिव से लेकर राजदूत भारत का दौरा कर चुके हैं। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव 31 मार्च से 1 अप्रैल के बीच भारत के दौरे पर रहे। उस दौरान ब्रिटेन की विदेश सचिव एलिजाबेथ ट्रस भी भारत आई थीं। मैक्सीको के विदेश मंत्री तीन दिवसीय यात्रा पर भारत आए। उससे पहले आॉस्ट्रिया, चीन और ग्रीस के विदेश मंत्री भारत का दौरा कर चुके हैं। सभी की कोशिश भारत के साथ द्विपक्षीय , क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भारत के साथ मिलकर काम करने की रही है। अमेरिका की राजनीतिक मामलों की उप विदेश मंत्री विक्टोरिया नुलांड भी मार्च में भारत के दौरे पर थी। 

World Countries

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