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पेट्रोल-डीजल पर सरकार ने उत्पाद शुल्क ₹2 प्रति लीटर बढ़ाया, क्या खुदरा कीमतें भी बढ़ेंगी?

सरकार की तरफ से किया गया यह फैसला वैश्विक तेल कीमतों में जारी उतार-चढ़ाव और ट्रम्प के टैरिफ के बीच लिया गया है।

Edited By: India TV News Desk
Published : Apr 07, 2025 15:34 IST, Updated : Apr 07, 2025 16:34 IST
 कीमत में बढ़ोतरी के बाद कस्टमर्स की जेब पर भार बढ़ेगा।
Photo:PIXABAY कीमत में बढ़ोतरी के बाद कस्टमर्स की जेब पर भार बढ़ेगा।

सरकार ने सोमवार को पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी करने का ऐलान कर दिया है। सरकार ने यह फैसला वैश्विक तेल कीमतों में जारी उतार-चढ़ाव और ट्रम्प के टैरिफ के बीच लिया है। ANI की खबर के मुताबिक, राजस्व विभाग की अधिसूचना में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर 2-2 रुपए उत्पाद शुल्क की बढ़ोतरी की है। खबर के मुताबिक, पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाकर 13 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है। इस खबर से खुदरा ग्राहकों को घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने यह बताया है कि आज उत्पाद शुल्क दरों में की गई वृद्धि के बाद पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में कोई वृद्धि नहीं होगी।

दिल्ली में खुदरा भाव

दिल्ली में पेट्रोल की कीमत आज ₹94.77 प्रति लीटर है, जबकि एक लीटर डीजल की कीमत ₹87.67 प्रति लीटर है। जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि केन्द्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम, 1944 की धारा 5ए और वित्त अधिनियम, 2002 की धारा 147 के तहत केन्द्र सरकार द्वारा जनहित में शुल्क में बढ़ोतरी की गई है। बीते कुछ दिनों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल कीमतों में गिरावट आने से पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में कटौती की उम्मीद जताई जा रही थी लेकिन अब उत्पाद शुल्क बढ़ जाने से ऐसा होने की संभावना कम हो गई है।

पेट्रोलियम मंत्री का बयान

केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि आपने वित्त मंत्रालय की एक अधिसूचना देखी होगी जिसमें कहा गया है कि पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में 2 रुपये की बढ़ोतरी की जा रही है। मैं रिकॉर्ड पर पहले ही स्पष्ट कर दूं कि इसका बोझ उपभोक्ताओं पर नहीं डाला जाएगा। कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत घटकर लगभग 60 डॉलर प्रति बैरल हो गई है, लेकिन कृपया याद रखें कि हमारी तेल मार्केटिंग कंपनियां 45 दिनों की अवधि के लिए स्टॉक रखती हैं। अगर आप जनवरी में वापस जाएं, तो उस समय कच्चे तेल की कीमत 83 डॉलर थी, जो बाद में घटकर 75 डॉलर हो गई। इसलिए उनके पास जो कच्चे तेल का स्टॉक है, वह औसतन 75 डॉलर प्रति बैरल है। आप उम्मीद कर सकते हैं कि वैश्विक कीमत के हिसाब से तेल मार्केटिंग कंपनियां पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी करेंगी। एक विनियमन मुक्त क्षेत्र में, आप उनसे बाजार खुदरा मूल्य को तदनुसार समायोजित करने की उम्मीद कर सकते हैं।

₹1,20,000 करोड़ की विदेशी मुद्रा की बचत हुई

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कुछ दिन पहले बताया था कि एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम की वजह से वर्ष 2014-15 से जनवरी 2025 तक किसानों को 1,04,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का तुरंत भुगतान हुआ, वहीं 1,20,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की विदेशी मुद्रा की बचत भी हुई। एथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) 2013-14 में पेट्रोल में एथेनॉल मिश्रण 38 करोड़ लीटर था जो सरकार द्वारा दिए गए प्रोत्साहन के फलस्वरूप ईसवाई 2023-24 में बढ़कर 707 लीटर हो गया। पुरी ने बताया कि चालू ईएसवाई 2024-25 के दौरान फरवरी 2025 माह के लिए सार्वनजिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने 19.68 फीसदी एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है।

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