महंगाई और मंदी की चपेट में आए यूरोप में कर्मचारियों का विरोध बढ़ता ही जा रहा है। यूरोप की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में हालात बेहद खराब हैं। वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर कर्मचारी हड़ताल पर हैं। इससे एक ओर जहां 40000 कर्मचारियों की हड़ताल से ब्रिटेन की रेल सेवाएं ठप पड़ गई हैं। वहीं यूरोप की महाशक्ति जर्मनी की लुफ्थांसा एयरलाइंस को 1000 उड़ानें रोकनी पड़ी हैं।
यूरोप में 40000 कर्मचारी हड़ताल पर
ब्रिटेन में बुधवार को रेलवे के 40,000 कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से ट्रेन सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। कर्मचारी नौकरी की सुरक्षा, वेतन बढ़ाये जाने और कामकाज की बेहतर स्थिति की मांग को लेकर एक दिन की हड़ताल पर गये हैं। ट्रेन कंपनियों ने कहा कि हड़ताल के कारण करीब 20 प्रतिशत सेवाएं ही बहाल हैं। ब्रिटेन में रेल कर्मचारियों की तीन दशक में यह सबसे बड़ी हड़ताल है। सफाईकर्मियों, सिग्नल कार्यों, रखरखाव से जुड़े और स्टेशन कर्मचारियों की 24 घंटे की हड़ताल से गर्मियों की छुट्टियों की शुरुआत में पूरे ब्रिटेन में ट्रेन के परिचालन पर असर पड़ा रहा है।
कर्मचारी कर रहे हैं वेतन और नौकरी की सुरक्षा की मांग
कर्मचारी वेतन, काम की बेहतर स्थिति और नौकरी की सुरक्षा को लेकर हड़ताल पर हैं। हड़ताल में शामिल श्रमिक संगठन के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत का अभी कोई नतीजा नहीं निकला है। श्रमिक संगठन नेशनल यूनियन ऑफ रेल, मैरीटाइम एंड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स ने कहा कि नियोक्ताओं ने वेतन को लेकर जो पेशकश की है, वह बढ़ती महंगाई को देखते हुए काफी कम है। जीवनयापन की लागत काफी बढ़ गयी है।
महंगाई 9.4 प्रतिशत के पार
ब्रिटेन में मुद्रास्फीति फिलहाल 9.4 प्रतिशत के उच्चस्तर पर है। संगठन ने कंजर्वेटिव पार्टी की सरकार पर आरोप लगाया कि वह ट्रेन कंपनियों को बेहतर पेशकश से रोक रही है। हालांकि, सरकार का कहना है कि वह इस विवाद में प्रत्यक्ष रूप से शामिल नहीं है। श्रमिक संगठन के महासचिव मिक लिंच ने कहा कि कर्मचारी भरोसे के साथ बातचीत जारी रखेंगे लेकिन कोई यह न समझे कि हमें डराया या धमकाया जा सकता है। इस बीच, परिवहन मंत्री ग्रांट शाप्स ने ट्रेन सेवाएं बाधित करने को लेकर श्रमिक संगठन के नेताओं को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि इससे लाखों लोगों पर असर पड़ा है।
लुफ्थांसा ने अपने 1000 से अधिक उड़ानें की रद्द
जर्मन एयरलाइन कंपनी लुफ्थांसा ने अपने 1000 से अधिक उड़ानों को रद्द कर दिया है। इसके पीछे की वजह लॉजिस्टिक एवं टिकटिंग कर्मचारियों के एक दिन की हड़ताल बताई जा रही है। ये सभी फ्लाईट आज यानि 27 जुलाई के लिए शेड्यूल थीं। जर्मन समाचार एजेंसी डीपीए की एक रिपोर्ट के मुताबिकए लुफ्थांसा की फ्लाइट रद्द होने से करीब 1ण्34 लाख यात्रियों को परेशानी उड़ानी पड़ी है। उन सभी यात्रियों को या तो अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ी या फिर नए सिरे से योजना बनाने के लिए मजबूर होना पड़ा है।