वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि चार सदस्यीय यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) भारत में निवेश को लेकर उत्सुक है और घरेलू उद्योग को इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए। भारत और ईएफटीए ने 10 मार्च को मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसके तहत समूह ने भारत में 15 साल में 100 अरब डॉलर के निवेश को लेकर प्रतिबद्धता जतायी है। साथ ही स्विस घड़ियां, चॉकलेट और तराशे गये हीरों पर कम या शून्य शुल्क पर सहमति जतायी गई। यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ के सदस्य आइसलैंड, लिसटेंस्टिन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड हैं।
100 अरब डॉलर का FDI
गोयल ने कहा कि वह ईएफटीए प्रतिबद्धताओं को आगे बढ़ाने के लिए रविवार को स्विट्जरलैंड के लिए रवाना होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यह 100 अरब डॉलर की प्रतिबद्धता प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए है न कि पोर्टफोलियो निवेश के लिए। गोयल ने यहां उद्योग के कार्यक्रम में कहा, ‘‘इतिहास में पहली बार, एक एफटीए में निवेश और नौकरियों की बात कही गयी है। यदि वे (ईएफटीए) निवेश प्रतिबद्धताओं को पूरा नहीं करते हैं, भारत एफटीए में दी गई रियायतें वापस ले सकता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ईएफटीए में मुझे जो उत्साह मिल रहा है, उससे मुझे भरोसा है कि अगर हम सब आगे आएं तो वास्तव में जतायी गयी प्रतिबद्धताओं से आगे निकल सकते हैं।
2030 तक निर्यात को 2000 अरब डॉलर ले जाने का टार्गेट
दोनों पक्षों के बीच व्यापार समझौते के प्रावधानों के अनुसार, यदि चार देशों का समूह 100 अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धताओं को पूरा नहीं करता हैं, तो भारत के पास ईएफटीए देशों के सामान पर सीमा शुल्क छूट को अस्थायी रूप से वापस लेने का विकल्प होगा। ये निवेश 15 साल में होने हैं। समझौते के क्रियान्वयन के बाद पहला 50 अरब डॉलर का निवेश 10 साल में जबकि शेष अगले पांच साल में होगा। व्यापार समझौते में दायित्वों को पूरा करने के लिए समूह को तीन साल की मोहलत भी दी गयी है। गोयल ने देश के निर्यात के बारे में कहा कि 2030 तक वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात को 2,000 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य हासिल करने लायक है।
4 साल में देश बनेगा तीसरी बढ़ी अर्थव्यवस्था
उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक वृद्धि की गति को देखते हुए, भारत लगभग चार वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। मंत्री ने उद्योग से अनुपालन बोझ को और कम करने पर विचार साझा करने का भी सुझाव दिया। गोयल ने यह भी कहा कि भारत और ब्रिटेन प्रस्तावित द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने संवादादाताओं से कहा कि ब्रिटेन की नई सरकार के जो शुरुआती बयान आये हैं, वे काफी उत्साहजनक हैं। ब्रिटेन के नव-निर्वाचित प्रधानमंत्री कीअर स्टॉर्मर ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बात की। उन्होंने कहा कि वह एक एफटीए को अमलीजामा पहनाने को तैयार हैं। यह दोनों पक्षों के लिए काम करेगा। दोनों नेताओं ने पारस्परिक रूप से लाभदायक भारत-ब्रिटेन एफटीए के जल्दी ही निष्कर्ष पर पहुंचाने की दिशा में काम करने पर सहमति जतायी।