क्या आपको पता है कि कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) अपने अंशधारकों को 7 तरह का पेंशन लेने का विकल्प देता है। अगर नहीं तो हम आपको बता रहे हैं। कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) के अंशधारक आमतौर पर 58 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन प्राप्त करने के हकदार हो जाते हैं। हालांकि, कुछ मामलों में 50 वर्ष की आयु में पेंशन शुरू हो जाती है। आइए जानते हैं कि अगर आपका पीएफ कटता है, तो कितने प्रकार के पेंशन का ऑप्शन मिलता है।
- सेवानिवृत्ति पेंशन: यह उन अंशधारकोंको दी जाती है जिन्होंने 10 वर्ष पीएफ में पैसा जमा कर लिया है या 58 वर्ष के हो गए हैं।
- शीघ्र पेंशन: उन ग्राहकों को पेशकश की जाती है जिनकी आयु 50 वर्ष से अधिक है, उन्होंने अपनी सेवा के 10 वर्ष पूरे कर लिए हैं और फिर गैर-ईपीएफ संगठन में शामिल होने के लिए नौकरी छोड़ दी है। शीघ्र पेंशन के मामले में, ग्राहक प्रत्येक वर्ष के लिए 4% कम पेंशन प्राप्त करने के पात्र बन जाएंगे।
- विकलांग पेंशन: यह पेंशन उन ईपीएफओ अंशधारकों को दी जाती है जो अपनी सेवा के दौरान विकलांग (अस्थायी या स्थायी) हो गए हैं।
- 4. विधवा या बाल पेंशन: अंशधारक की मृत्यु के मामले में, अंशधारक की विधवा और 25 वर्ष से कम उम्र के दो बच्चे एक साथ पेंशन के लिए पात्र हो जाते हैं।
- अनाथ पेंशन: जब किसी अंशधारक की मृत्यु हो जाती है और पत्नी भी नहीं है तो 25 वर्ष से कम उम्र के दो से अधिक बच्चों को एक ही समय में पेंशन की पेशकश की जाती है।
- नॉमिनी पेंशन: अंशधारक की मृत्यु पर नॉमिनी व्यक्ति पेंशन प्राप्त करने का हकदार हो जाता है और यह ईपीएफओ पोर्टल पर ग्राहक द्वारा भरे गए ई-नामांकन फॉर्म पर आधारित होता है।
- आश्रित माता-पिता की पेंशन: जब मृत ईपीएफओ अंशधारक अविवाहित हो जाता है तो उसके आश्रित पिता पेंशन के लिए पात्र हो जाते हैं। पिता के बाद ग्राहक की मां पेंशन पाने की हकदार हो जाती है। पेंशन प्राप्त करने का उनका अधिकार जीवन भर जारी रहेगा। इसके लिए फॉर्म 10डी भरना होगा।