Sunday, November 17, 2024
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EPFO के इस कदम से आपकी लाइफ होगी टेंशन फ्री, जानिए आपको होगा कितना बड़ा फायदा

मौजूदा दौर में EPFO के नियमों के अनुसार न्यूनतम सैलरी सीमा 15000 रुपए प्रति माह हैं। किसी भी कंपनी में वे कर्मचारी जो 15000 रुपये से अधिक वेतन पाते हैं, उनका अनिवार्य रूप से EPFO काटे जाने का प्रावधान है।

Written By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Updated on: November 24, 2022 16:36 IST
EPFO- India TV Paisa
Photo:PTI EPFO

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) को लेकर एक बड़ी खबर है। केंद्र सरकार EPFO की सैलरी लिमिट को लेकर बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है। इस बदलाव की मदद से अब एक ओर जहां ज्यादा से ज्यादा लोग EPFO का लाभ ले सकेंगे, वहीं मौजूदा अंशधारकों को भी बड़ा रिटायरमेंट फंड जुटाने में सुविधा होगी। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार EPFO की पेंशन स्कीम के तहत सैलरी सीमा को संशोधित करने पर विचार कर रही है। ये बदलाव कर्मचारियों और नियोक्ताओं दोनों की ओर से किए जाने वाले अंशदान पर प्रभाव डालेगा। यानि अब आप और आपकी कंपनी दोनों ही ज्यादा पैसे EPFO के नाम पर जमा कर सकेंगे। माना जा रहा है कि सरकार इसे एक बार फिर से संशोधित कर 21000 रुपए प्रति माह कर सकती है। अगर सरकार ये फैसला लेती है तो ईपीएफएओ पेमशन का लाभा पाने के लिए मिनिमम सैलरी की लिमिट बढ़ जाएगी।

इस नए संशोधन के बाद कर्मचारियों और नियोक्ता दोनों के योगदान में बढ़ोतरी की जाएगी। हालांकि इससे आपके हाथ में हाने वाली सैलरी कुछ कम जरूर हो सकती है लेकिन इससे आपको रिटायरमेंट में ज्यादा रकम EPFO की ओर से प्राप्त हो सकेगी। दूसरी ओर इस संशोधन के बाद ईपीएफओ के तहत अधिक लोगों को जुड़ने का मौका मिलेगा।

अभी 15000 रुपये लिमिट है

मौजूदा दौर में EPFO के नियमों के अनुसार न्यूनतम सैलरी सीमा 15000 रुपए प्रति माह हैं। किसी भी कंपनी में वे कर्मचारी जो 15000 रुपये से अधिक वेतन पाते हैं, उनका अनिवार्य रूप से EPFO काटे जाने का प्रावधान है। सरकार अब इसी न्यूनतम लिमिट को बढ़ाने पर विचार कर रहा है। 

बढ़ेगा कर्मचारी नियोक्ता का योगदान 

अगर सैलरी सीमा में संशोधन किया जाता है तो कर्मचारियों और नियोक्ताओं के अनिवार्य योगदान में बढ़ोतरी होगी। जिसका लाभ कर्मचारियों को उनकी रिटायरमेंट सेविंग पर मिलेगी। इसके अलावा इस सामाजिक सुरक्षा केवरेट में और अधिक श्रमिक और कर्मचारी शामिल हो सकेंगे। 

2014 में हुई थी आखिरी बढ़ोत्तरी

सरकार ने साल 2014 में EPFO सीमा में बढ़ोतरी की थी और इसे 6500 रुपए से बढ़ाकर 15000 रुपए प्रति माह कर दिया था। वहीं EPFO की शुरुआत से देखा जाए तो अब तक 8 बार संशोधन किए जा चुके हैं। 

कब कब बढ़ी लिमिट 

  1. 1952 में सैलरी सीमा 300 रुपए थी
  2. 1957 रुपए में यह सीमा बढ़कर 500 रुपए हुई
  3. 1962 रुपए यह लिमिट 1000 रुपए हो गई
  4. 1976 में इसे बढ़ाकर 2500 रुपए किया गया 
  5. 1985 में इसे बढ़ाकर 3500 रुपए किया गया 
  6. 1990 में लिमिट बढ़कर 5000 रुपए हो गई
  7. 1994 में इसे 6500 रुपए कर दिया गया 
  8. 2014 से ये सीमा 15000 रुपए बनी हुई है। 

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