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AI के प्रति उत्साह बेहद अधिक लेकिन सिक्योरिटी कंसर्न बड़ी बाधा, सर्वे में हुआ ये खुलासा

रिपोर्ट में कहा गया, इन चुनौतियों के बावजूद एक सकारात्मक पहलू यह भी है कि सर्वेक्षण में शामिल कंपनियों में से करीब 60 प्रतिशत के पास एआई उपयोग के लिए आवश्यक स्किल मौजूद हैं। इसके अतिरिक्त 72 प्रतिशत ग्रुप विशेषज्ञता वाले लोगों को काम पर रखकर स्किल अंतर को पाटने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Dec 17, 2024 13:23 IST, Updated : Dec 17, 2024 13:23 IST
AI
Photo:FILE एआई

भारत में AI के प्रति उत्साह बेहद अधिक है लेकिन सिक्योरिटी कंसर्न को लेकर चिंता भी कम नहीं है। डेलॉयट एशिया पैसिफिक की रिपोर्ट एआई एट क्रॉसरोड: बिल्डिंग ट्रस्ट एज ए पाथ टू स्केल के अनुसार, भारत में 92 प्रतिशत कंपनी के टॉप एग्जीक्यूटिव कृत्रिम मेधा (AI ) अपनाने में सुरक्षा संबंधी चुनौतियों को सबसे बड़ी बाधा मानते हैं। यह स्थिति तेजी से बढ़ते एआई-संचालित परिदृश्य में विश्वास को बढ़ावा देने और जोखिमों को कम करने के वास्ते इसके लिए मजबूत ढांचे की जरूरत को रेखांकित करती है।  यह सर्वे 900 वरिष्ठ अधिकारियों के बीच किए गए सर्वेक्षण पर आधारित है। 

हैकिंग तथा साइबर फ्रॉड से खतरा 

रिपोर्ट में कहा गया, करीब 92 प्रतिशत भारतीय अधिकारी एआई को अपनाने में प्राथमिक चिंता हैकिंग तथा साइबर खतरों सहित सुरक्षा संबंधी विभिन्न चुनौतियों को बताते हैं जबकि 91 प्रतिशत ने एआई के इस्तेमाल में संवेदनशील डेटा से संबंधित गोपनीयता जोखिमों को लेकर चिंता जाहिर की। इसमें कहा गया कि इसके अतिरिक्त 89 प्रतिशत ने रेगुलेटरी अनिश्चितताओं के कारण उत्पन्न जटिलताओं को रेखांकित किया और अनुपालन आवश्यकताओं को एआई एकीकरण की दिशा में एक चुनौती बताया। एआई के इस्तेमाल के लिए आवश्यक मजबूत ढांचे की आवश्यकता इस चिंताजनक आंकड़े से और अधिक स्पष्ट हो जाती है कि आधे से अधिक टेक्नोलॉजी अधिकारी यह नहीं मानते कि उनके कार्यस्थल एआई-संबंधी जोखिमों से निपटने के लिए तैयार हैं। 

स्किल डेवलपमेंट पर देना होगा जोर 

डेलॉयट इंडिया के साझेदार जयंत सरन ने कहा कि भारतीय संगठनों के लिए एआई को मौजूदा प्रणालियों में सहजता से एकीकृत करना अनिवार्य होना चाहिए ताकि इसे स्थायी तरीके से अपनाना सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी तथा ज्ञान के अंतरालों को पाटा जा सके। इसके लिए निरंतर स्किल उन्नयन तथा अंतर-कार्यात्मक सहयोग की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि मजबूत ढांचे तथा नैतिक प्रथाओं के माध्यम से विश्वास को बढ़ावा देकर व्यवसाय जोखिमों को कम कर सकते हैं। साथ ही इनोवेशन को बढ़ावा देने, प्रतिष्ठा बढ़ाने तथा तेजी से बढ़ते एआई-संचालित परिदृश्य में आत्मविश्वास के साथ मूल्य प्रदान करने के लिए एआई की क्षमताओं का दोहन किया जा सकता है।

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