प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चीनी कंट्रोल वाले सट्टेबाजी और लोन डिस्ट्रीब्यूशन ऐप के खिलाफ जांच के दौरान बुधवार को करीब 123 करोड़ रुपये जब्त किए। ईडी ने यह रकम मुंबई, चेन्नई और कोच्चि में तलाशी के दौरान यह बैंक जमा राशि जब्त की है। भाषा की खबर के मुताबिक, चीनी नागरिकों के नियंत्रण वाले इन ऑनलाइन मंचों के खिलाफ कई लोगों के साथ धोखाधड़ी करने के आरोप हैं। प्रवर्तन निदेशालय इन प्लेटफॉर्म के खिलाफ धनशोधन से जुड़े मामलों की जांच कर रहा है।
इन कंपनियों के कैम्पस में ली गई तलाशी
खबर के मुताबिक, वित्तीय जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा कि 23-24 फरवरी को एनआईयूएम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और उसके मुंबई स्थित निदेशकों, जोडज सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड, विक्रह ट्रेडिंग एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड, टाइरेनस टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, फ्यूचर विजन मीडिया सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, एप्रिकिवी सॉल्यूशन और राफेल जेम्स के कैम्पस की तलाशी ली गई। इस तलाशी अभियान में इन कंपनियों के मुंबई, चेन्नई और कोच्चि स्थित 10 परिसरों को शामिल किया गया था।
लोगों ने की थी शिकायत
ईडी ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग का मामला केरल और हरियाणा पुलिस की तरफ से अलग-अलग शिकायतों पर दर्ज की गई प्राथमिकी से जुड़ा है। लोगों ने शिकायत की थी कि उन्हें लोन देने, जुआ खेलने से संबंधित ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिये धोखा दिया गया था। एजेंसी ने कहा कि इन मोबाइल ऐप और ऐसे प्लेटफॉर्म से उत्पन्न अपराध की आय को भुगतान ‘एग्रीगेटर’ का उपयोग करके केरल के विभिन्न बैंकों में खोले गए खातों के जरिया इकट्ठा किया गया और भेजा गया था।
आरोपियों ने भारत में कई फर्जी कंपनियां खोली थीं
प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक, इस धनराशि को चेन्नई, बेंगलुरु, दिल्ली, मुंबई में कई फर्जी कंपनियों के जरिये एकत्र किया गया और सिंगापुर से सॉफ्टवेयर के नकली आयात के भुगतान के एवज में उसे देश के बाहर भेजा जा रहा था। जांच एजेंसी ने कहा कि आरोपियों ने भारत में कई फर्जी कंपनियां खोली थीं और उनका इस्तेमाल सिंगापुर में बनी फर्जी कंपनियों को कथित अवैध धन भेजने के लिए किया जा रहा था। ईडी के मुताबिक, तलाशी के दौरान अपराध के जरिये इकट्ठा की गई लगभग 123 करोड़ रुपये की जमा राशि को जब्त कर लिया गया है।