Employment in India: नए रोजगार (Employment) को लेकर एक ताजा आंकड़ा जारी किया गया है, जिसमें यह निकलकर आया है कि संगठित वित्तीय वर्ष में करीब 5.2 करोड़ नए रोजगार जेनरेट हुए हैं। एसबीआई रिसर्च ने बीते मंगलवार को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO), एनपीएस (NPS) और कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) के आंकड़ों की स्टडी पर आधारित यह आंकड़ा जारी किया है। भाषा की खबर के मुताबिक, सरकार अप्रैल, 2018 से संगठित क्षेत्र में जेनरेट हुए रोजगार (Employment generated in India) के आंकड़े जारी कर रही है।
वित्त वर्ष 2019-20 से 2022-23 के आंकड़े
खबर के मुताबिक,संगठित क्षेत्र में पैदा हुए रोजगार को लेकर ईपीएफओ के पिछले चार साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो इसके मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 से 2022-23 के दौरान 4.86 करोड़ सब्सक्राइबर्स कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ (Employees Provident Fund Organisation)से जुड़े। यहां बता दें, इस आंकड़े में नई नौकरियों के साथ एक जगह से इस्तीफा देने के बाद दूसरी जगह नौकरी पाने वाले भी शामिल हैं। एसबीआई रिसर्च ने अपने आंकड़ों में बताया है कि दोबारा नौकरी पाने वाले या फिर से ईपीएफओ के सब्सक्राइबर बनने वालों को अलग कर पहली नौकरी पाने वालों की संख्या शुद्ध रूप से 2.27 करोड़ रही।
महिलाओं की हिस्सेदारी करीब 27 प्रतिशत
नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension System) यानी एनपीएस के जारी आंकड़े बताते हैं कि वित्त वर्ष 2022-23 में 8.23 लाख नए सब्सक्राइबर्स नई पेंशन स्कीम से जुड़े। इसमें राज्य सरकार के तहत 4.64 लाख, गैर-सरकारी क्षेत्रों में 2.30 लाख और केंद्र सरकार में 1.29 लाख सब्सक्राइबर्स जुड़े। आंकड़ों के मुताबिक, चार वित्तीय वर्ष से करीब 31 लाख नए सब्सक्राइबर्स जुड़े।
इसका मतलब यह हुआ कि कुल मिलाकर ईपीएफओ (EPFO) और एनपीएस (NPS) से मिले आंकड़ों के मुताबिक, 5.2 करोड़ से ज्यादा रोजगार जेनरेट (Employment generated in India) हुए हैं। आपको यह भी बता दें, कुल नौकरियों में महिलाओं की हिस्सेदारी करीब 27 प्रतिशत रही।