EMI Increase: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास आज वित्त वर्ष 2023-24 की पहली मॉनिटरी पॉलिसी का ऐलान करने जा रहे हैं। इसे देखते हुए होम लोन या कार लोन के बोझ तले दबे लाखों लोगों की निगाहें भी शक्तिकांत दास की ओर रहने वाली है। बढ़ती महंगाई और घटती ग्रोथ रेट को देखते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर पर एक बार फिर ब्याज दर बढ़ाने का दबाव होगा। इसके अलावा ब्याज दरों पर फैसला लेते समय आरबीआई की नजर मार्च और अप्रैल में हुई बेमौसम की बारिश के अलावा कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि पर भी होगी। बता दें कि वित्त वर्ष 2022-23 में आरबीआई छह बार रेपो रेट में वृद्धि कर चुका है। पिछले साल मई से लेकर रेपो रेट में ढ़ाई फीसदी की वृद्धि हो चुकी है। इसके साथ ही बीते ढाई साल से 4 फीसदी पर टिकी रेपो रेट जनवरी 2023 तक बढ़कर 6.50 फीसदी हो चुकी है। इसका असर होम और कार लोन पर भी पड़ा है। इसकी दरें अब डबल डिजिट में आ चुकी हैं।
महंगाई और ग्रोथ की चिंता
फरवरी 2023 में आए खुदरा महंगाई के आंकड़ों ने एक इशारा कर दिया है कि आरबीआई ब्याज दरों में वृद्धि करेगा। बीते महीने खुदरा महंगाई दर 6.44 फीसदी रही है जो आरबीआई की सहनीय सीमा 6 फीसदी से ज्यादा है। महंगाई को थामने के लिए रिजर्व बैंक ब्याज दरें तो बढ़ा रहा है लेकिन इसका असर ग्रोथ पर भी पड़ रहा है। महंगे कर्ज की वजह से उत्पादन गतिविधियां प्रभावित हो रही है। मार्च के शुरुआती दिनों में तेज गर्मी ने गेहूं के उत्पादन में कमी को लेकर आशंकाएं पैदा कर दी थीं। बारिश ने बढ़ते पारे को जरूर थामा, लेकिन देश के कई राज्यों में मूसलाधार बारिश से खड़ी फसल चौपट हो गई। गेहूं को लेकर आशंकाओं के बीच मौसम विभाग ने एलनिनो के प्रभाव को लेकर आशंका व्यक्त की है। इसके चलते आने वाले खरीफ सीजन में धान की फसल पर भी प्रभाव पड़ सकता है। अगर ऐसा रहा तो खाने की थाली की महंगाई और भी भड़क सकती है।
इनको होगा फायदा
खुदरा महंगाई 6 फीसदी से अधिक रहने के कारण पूरी संभावना है कि आरबीआई एक बार फिर रेपो रेट में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी करेगा। अगर आरबीआई रेपो रेट में बढ़ोतरी करेगा तो बैंक कर्ज महंगा करेंगे और जमा पर ब्याज बढ़ाएंगे। यानी बैंक एफडी पर ब्याज दरों में फिर बढ़ोतरी करेंगे। ऐसे में अगर आप भी एफडी करा लेंगे तो यह मौका चूक जाएंगे। यानि आज आपके लिए अच्छी खबर आने वाली है। मौद्रिक समीक्षा के बाद अगर रेपो रेट में बढ़ोतरी होती है तो आप बढ़े दर पर एफडी करा कर अपने निवेश पर अधिक रिटर्न ले पाएंगे। जानकारों का कहना है कि रेपो रेट में बढ़ोतरी की पूरी संभावना है।