Sunday, January 12, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. लोन की EMI घटेगी या अभी करना होगा इंतजार? जानें कल RBI क्या ले सकता है फैसला

लोन की EMI घटेगी या अभी करना होगा इंतजार? जानें कल RBI क्या ले सकता है फैसला

आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक बुधवार को शुरू हुई थी और शुक्रवार को समाप्त होगी। इसमें देश की आर्थिक स्थिति, मुद्रास्फीति, मानसून की स्थिति, वैश्विक कारकों आदि के आधार पर नीतिगत दरों पर फैसले लिए जाएंगे।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Jun 06, 2024 15:18 IST, Updated : Jun 06, 2024 15:18 IST
Loan EMI
Photo:FILE लोन की EMI

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक पॉलिसी की बैठक चल रही है। तीन दिन तक चलने वाले इस बैठक में होने वाले फैसले का ऐलान आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास शुक्रवार को करेंगे। लंबे समय से लोग अपनी लोन की ईएमआई घटने का इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में क्या इस बार लोन लेने वालों को राहत मिलेगी या अभी और करना होगा इंतजाार? जानाकरों का कहना है कि इस बार भी रेपो रेट में कटौती की संभावना नहीं है। बैकिंग एक्सपर्ट का कहना है कि RBI की शुक्रवार को समाप्त हो रही तीन दिवसीय मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में रेपो दर तथा अन्य नीतिगत दरों में बदलाव की संभावना नहीं है क्योंकि केंद्रीय बैंक आर्थिक विकास और महंगाई के बीच संतुलन बनाये रखने का प्रयास रहा है।  

एमपीसी की बैठक बुधवार को शुरू हुई थी 

आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक बुधवार को शुरू हुई थी और शुक्रवार को समाप्त होगी। इसमें देश की आर्थिक स्थिति, मुद्रास्फीति, मानसून की स्थिति, वैश्विक कारकों आदि के आधार पर नीतिगत दरों पर फैसले लिए जाएंगे। संभावना है कि समिति रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखने का फैसला कर सकती है। रेपो दर वह दर है जिस पर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को अल्पावधि उधार देता है ताकि वे तरलता की अपनी तात्कालिक जरूरतें पूरी कर सकें। इसका असर बैंकों द्वारा कॉर्पोरेट तथा आम ग्राहकों को दिये जाने वाले ऋण की ब्याज दरों पर पड़ता है। ब्याज दर घटने से निवेश तथा उपभोग लागत में कमी आती है, हालांकि उपभोग बढ़ने से मुद्रास्फीति (महंगाई दर) बढ़ने का खतरा रहता है।

महंगाई को काबू करने पर आरबीआई का जोर

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा है कि केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति कम करने की नीति जारी रखेगा ताकि आर्थिक विकास में स्थिरता बनी रहे। उन्होंने कहा कि खाने-पीने के सामान की महंगाई दर ज्यादा होने से मुद्रास्फीति का दबाव बना हुआ है। आरबीआई ने पिछली बार फरवरी 2023 में नीतिगत दरों में बदलाव किया था। उसने मई 2022 से फरवरी 2023 के बीच रेपो दर में कुल 2.5 प्रतिशत की वृद्धि की थी। फरवरी 2023 के बाद से रेपो दर 6.5 प्रतिशत पर स्थिर है।

खुदरा महंगाई अभी भी लक्ष्य से ऊपर 

खुदरा महंगाई की दर इस साल अप्रैल में घटकर 4.83 प्रतिशत पर आ गई थी। हालांकि यह अब भी आरबीआई के चार प्रतिशत के मध्यावधि लक्ष्य से ऊपर है। वित्त वर्ष 2023-24 में देश की आर्थिक विकास दर बढ़कर 8.2 प्रतिशत पर पहुंच गई। इससे आरबीआई के पास अभी ब्याज दरों में कटौती को टालने के विकल्प है।

इनपुट: आईएएनएस

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement