ट्विटर के नए मालिक एलन मस्क सोशल मीडिया मंच पर गलत सूचनाओं से मुकाबला करने वाली टीमों में और कटौती कर रहे हैं। इसके तहत ठेके पर काम करने वाले कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। पिछले हफ्ते सोशल मीडिया मंच के लिए आउटसोर्सिंग पर काम कर रहे ‘मॉडरेटर’ को पता चला कि अब उनकी नौकरी नहीं रह गई है। ट्विटर और अन्य बड़े सोशल मीडिया मंच नफरत फैलाने वाली चीजों पर नियंत्रण और नुकसान पहुंचाने वाली सामग्री के खिलाफ नियमों के प्रवर्तन के लिए काफी हद उन ‘ठेकेदारों’ पर पर निर्भर हैं जिनको उन्होंने आउटसोर्स किया हुआ है। ट्विटर ने अब इस तरह की सामग्री की निगरानी करने वाले लोगों को बाहर का रास्ता दिखाना शुरू कर दिया है।
आधे रेग्युलर कर्मचारियों को पहले निकाला गया
इससे पहले चार नवंबर को ट्विटर द्वारा अपने स्थायी कर्मचारियों को ई-मेल भेजकर उनको बाहर करने की सूचना दी गई थी। अब मस्क ने ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों की छंटनी शुरू कर दी है। ट्विटर के साथ पिछले एक साल से अधिक से काम कर रही ठेकेदार मेलिसा इन्गेल उन कुछ लोगों में से हैं जिन्हें शनिवार को बर्खास्त कर दिया गया। मेलिसा ने कहा कि बड़ी संख्या में कर्मचारियों को बाहर करने से ट्विटर में ‘स्थिति’ खराब होने की आशंका है। कंपनी से निकलने वाले लोगों को तीन महीने की क्षतिपूर्ति पैकेज की पेशकश की गई थी जो कानूनी रूप से जरूरी सीमा से 50 फीसदी अधिक है। मस्क ने 44 अरब डॉलर में ट्विटर का अधिग्रहण करने के बाद बड़े पैमाने पर छंटनी शुरू की है।
भारत में भी की गई छंटनी
इससे पहले मस्क ने भारत में काम कर रहे ट्विटर इंडिया के कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया था। आंकड़ों के अनुसार, ट्विटर ने भारत में लगभग 250 लोगों की एक टीम में से 160 से अधिक लोगों को निकाल दिया गया था। छंटनी को कठोर और अपमानजनक बताते हुए ट्विटर के ज्यादातर कर्मचारियों ने बेहतरीन कार्य के लिए कंपनी की सरहाना की थी। उन्होंने कहा कि पुराने ट्विटर की संस्कृति का हिस्सा होने के नाते कुछ ऐसा है जो बहुत याद किया जाएगा। एक और कर्मचारी ने कहा, ‘‘ट्विटर ने कर्मचारियों को कहीं से भी काम करने का विकल्प दिया था। साथ ही कर्मचारियों को संवाद करने और कंपनी के लिए जो कुछ भी उन्हें लगता है, करने की आजादी दी थी।