Highlights
- एजुकेशन लोन लेने के लिए भारतीय नागरिक होना जरूरी
- आपका सेलेक्शन किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी या कॉलेज में हुआ हो
- एजुकेशन लोन के भुगतान में धारा 80(E) के तहत मिलती है आयकर में छूट
Education loan: कई बार सही समय पर पैसे के प्रबंध नहीं होने के चलते अच्छे स्टूडेंट्स (Students) एवरेज बनकर रह जाते हैं। टॉप यूनिवर्सिटीज (Top Universities) में पढ़ने का खर्च लगातार आसमान छूता जा रहा है। कई पैरेंट्स अपने बच्चों की फीस तक नहीं भर पाते हैं। यहीं पर एजुकेशन लोन (Education loan) की जरूरत पड़ती है। यह आपकी शिक्षा में खर्च होने वाली रकम को पूरा करता है, जिसे बाद में आप नौकरी करने के साथ जमा कर देते हैं। अगर आप भारतीय बैंको से एजुकेशन के लिए लोन लेना चाहते हैं तो कौन से बैंक उसपर कितना इंटरेस्ट चार्ज कर रहे हैं? कैसे आप अप्लाई कर सकते हैं? और उसकी क्या प्रकिया होती है? आज जानने की कोशिश करेंगे।
ये बैंक ऑफर कर रहे एजुकेशन लोन
इस समय केनरा बैंक 20 लाख के लोन पर 8.3 फीसदी का इंटरेस्ट ऑफर कर रहा है, जिसका EMI 31,472 रुपये होगा। वहीं बैंक ऑफ इंडिया 8.25 फीसदी का ब्याज दर दे रहा है। 7.9% के इंटरेस्ट रेट पर बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन बैंक स्टूडेंट्स को लोन दे रहे हैं। SBI 7.5 फीसदी चार्ज कर रहा है, जिसका EMI 30,677 रुपये है। सबसे कम ब्याज दर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का है। वह स्टूडेंट्स से 6.95 पर्सेंट का इंटरेस्ट चार्ज कर रहा है, जिसका EMI 30,136 रुपये होगा।
क्या होता है एजुकेशन लोन?
आसान भाषा में बताएं तो 12वीं के बाद की पढ़ाई करने के लिए आप जो लोन बैंक से लेते हैं उसे एजुकेशन लोन कहा जाता है, जो आपके ट्यूशन फीस और होस्टल फीस भरने में मदद करता है। प्राइवेट से लेकर सरकारी बैंक एजुकेशन लोन ऑफर करते हैं। सरकारी बैंक हमेशा प्राइवेट बैंको से कम इंटरेस्ट पर लोन देते हैं।
क्या 12 के तुरंत बाद ही मिल सकता है लोन?
कई बार स्टूडेंट्स के मन में ये सवाल आता है कि क्या 12वीं पास करने के बाद अगर हम लोन नहीं लेते हैं तो आगे की पढ़ाई के लिए हम लोन नहीं ले पाएंगे। ऐसा सोचना गलत है। स्टूडेंट्स 12वीं पास करने के बाद ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन, डिप्लोमा से लेकर रिसर्च के लिए भी लोन अप्लाई कर सकते हैं।
क्या है क्राइटेरिया?
अगर आप भारतीय बैंको से एजुकेशन लोन लेना चाहते हैं तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।
- एजुकेशन लोन लेने के लिए भारतीय नागरिक होना जरूरी
- आपका सेलेक्शन किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी या कॉलेज में हुआ हो
- देश में शिक्षा के लिए 10 लाख और विदेश में पढ़ाई के लिए 20 लाख तक मिलता है कर्ज
- पर्सनल लोन की दर से कम होती है एजुकेशन लोन की दर
- एजुकेशन लोन के भुगतान में धारा 80(E) के तहत मिलती है आयकर में छूट
होने चाहिए ये जरूरी कागजात
आप जिस बैंक से लोन ले रहे हैं वहां जाकर निर्धारित फॉर्म भरना होगा। इसके साथ आपको फोटोग्राफ, आइडेंटिटी प्रूफ, रेजीडेंस प्रूफ, माता-पिता का इनकम प्रूफ, हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की मार्कशीट लगानी होगी। इसके अलावा जिस संस्थान में आप पढ़ाई करने जा रहे हैं, उसका एडमिशन लेटर और पाठ्यक्रम की अवधि का प्रूफ जमा कराना होगा। ध्यान देने की बात यह है कि बैंक सिर्फ सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थानों में पढ़ाई के लिए ही लोन मंजूर करते हैं।
लोन की सिक्योरिटी
इस लोन की वसूली के लिए बैंक पहले से ही पुख्ता इंतजाम कर लेते हैं। यदि आप चार लाख रुपए तक के ऋण के लिए आवेदन करते हैं तो छात्र को यह ऋण अपने माता-पिता के साथ संयुक्त रूप से लेना होगा। इसके लिए किसी प्रकार की प्रतिभूति जमा करने की जरूरत नहीं होती। यदि आप चार लाख से 6.5 लाख रुपए के बीच ऋण लेते हैं तो आपको किसी तीसरे व्यक्ति की गारंटी भी देनी होगी। यदि ऋण की राशि 6.5 लाख से अधिक है तो बैंक आपको कोई संपत्ति बंधक रखने के लिए कह सकता है। इसके लिए प्रॉपर्टी के कागजात, एफडी, जीवन बीमा का बांड जमा कर सकते हैं।
आयकर में मिलती है छूट
शिक्षा ऋण पर आयकर की धारा 80ई के तहत आयकर में छूट का प्रावधान है। शिक्षा ऋण पर दिए गए ब्याज को आप अपनी आय में से घटा सकते हैं। यह लाभ जिस साल से आप ऋण वापसी की पहली किस्त देते हैं, उस वर्ष से लेकर केवल आठ वर्षों के दौरान ले सकते हैं। यदि छात्र ने यह ऋण अपने नाम से लिया है तो वह आयकर में मिलने वाली छूट का लाभ ले सकता है। यदि माता-पिता ने यह ऋण अपने नाम से लिया है तो छात्र को छूट का लाभ नहीं मिलेगा। ऐसे में आयकर का पूरा फायदा उठाने के लिए एजुकेशन लोन की अवधि अधिकतम आठ साल ही रखनी चाहिए।