Education Budget Nirmala Sitharaman: आज सुबह 11 बजे से देश का बजट पेश होना शुरु हो गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एजुकेशन सेक्टर के लिए बजट में खास ध्यान दिया है। बजट पेश करते हुए उन्होंने ऐलान किया है कि सरकार अगले वित्त वर्ष में नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी खोलेगी, इसके साथ ही टीचर्स ट्रेनिंग के लिए संस्थान भी खोले जाएंगे। इसके साथ ही आदिवासियों की शिक्षा योजना पर सरकार खासा ध्यान देने वाली है। वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार आदिवासियों के लिए विशेष स्कूल खोलेगी और इसके लिए सरकार ने 15 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
पिछले साल 1 लाख करोड़ से अधिक रुपये हुए थे आवंटित
सरकार ने बजट 2022-23 में शिक्षा के लिए 1,04,278 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। उसके पिछले साल यानि वित्त वर्ष 2021-22 की तुलना में उसमें 11,054 करोड़ रुपये की वृद्धि की गई थी। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए शिक्षा बजट 93,223 करोड़ रुपये था। भारत सरकार की नेशनल हेल्थ पॉलिसी 2020 (एनईपी) के अनुसार, शिक्षा पर सकल घरेलू उत्पाद का 6% तक खर्च किया जाना है। भारत का शिक्षा बजट अभी तक इस संख्या को नहीं छू पाया है। अगर हम पिछले तीन साल में शिक्षा पर खर्च हुए पैसे को जीडीपी से तुलना करें तो पता चला है कि 2019-20 में 2.8%, 2020-21 में 3.1% और 2021-22 में 3.1% पैसा एजुकेशन पर खर्च किया गया है।
बजट से पहले विशेषज्ञों ने ये लगाया था अनुमान
शिक्षा जगत बड़े अरसे से मांग कर रहा है कि शैक्षिक सेवाओं पर जीएसटी को आगे 10 सालों के लिये हटा लेना चाहिये, जिसमें प्रशिक्षण, एड टेक, कोचिंग आदि सम्मिलित हैं। वहीं शिक्षा जगत यह मानता है कि इन सेवाओं पर जीएसटी लगाने की कोई जरूरत नहीं है। अभी भी शिक्षा जगत के एक बेहतर हिस्से पूर्व माध्यमिक शिक्षा में ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि यहां भौतिक बुनियादी ढांचे और प्रशिक्षित मानव संस्थानों की जरूरत है। दूसरी ओर हाल में आयी भारत सरकार की नई शिक्षा नीति पर इस पर जोर दिया गया है, लेकिन वित्तीय उपाय अभी पूरे नहीं हुये हैं। वहीं बजट- 2023 से इस क्षेत्र के लिये सबकी उम्मीदें जुड़ी हुई हैं। बता दें कि वर्तमान समय में नियमित शिक्षकों की बुनियादी तकनीक समझ कम है, ऐसे में इसमें सुधार की आवश्यकता है। शैक्षणिक जगत द्वारा इसके लिये अलग कोष की मांग की जा रही है। दूसरी ओर ऑनलाइन शिक्षा या प्रशिक्षण के दीक्षा प्लेटफॉर्म मौजूद है, जोकि इनके लिये नाकाफी है।