Highlights
- सरकार ने एजुटेक कंपनियों को भ्रामक विज्ञापनों के लिए चेतावनी दी
- प्रौद्योगिकी के जरिए शिक्षा देने वाली कंपनियों को एजुटेक कहते हैं
- शिक्षा क्षेत्र की इकाइयां 2021-22 में उल्लंघन करने में सबसे आगे थी
सरकार ने एजुटेक कंपनियों को भ्रामक विज्ञापनों सहित अनुचित व्यापार गतिविधियों में शामिल होने के लिए चेतावनी दी। सरकार ने इन कंपनियों ने कहा कि यदि वे स्व-नियमन नहीं अपनाती हैं तो उसे कड़े दिशानिर्देश लाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। प्रौद्योगिकी के जरिए शिक्षा देने वाली कंपनियों को एजुटेक कहते हैं।
उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने स्वनियामक निकाय ‘इंडिया एजुटेक कंसोर्टियम (आईईसी)’ और उद्योग की अन्य कंपनियों के साथ दिल्ली में एक बैठक की। इस दौरान एजुटेक क्षेत्र में फर्जी समीक्षा बढ़ने और इसे रोकने के तरीकों पर चर्चा हुई। आईईसी, इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) के तत्वावधान में संचालित है।
बैठक में आईएएमएआई के प्रतिनिधियों के साथ ही अपग्रेड, बायजू, अनएकेडमी, वेदांतु, ग्रेट लर्निंग, व्हाइटहैट जूनियर और सनस्टोन सहित आईईसी के सदस्यों ने भाग लिया। सिंह ने बैठक में कहा, ‘‘यदि स्व-नियमन के जरिए अनुचित व्यापार प्रथाओं पर अंकुश नहीं लगाया गया, तो पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कड़े दिशानिर्देश तैयार करने की जरूरत होगी।’’
एक आधिकारिक बयान के अनुसार बैठक के दौरान भारतीय एजुटेक क्षेत्र में अनुचित व्यापार प्रथाओं और भ्रामक विज्ञापनों से संबंधित मुद्दों को प्रमुखता से उठाया गया। एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया (एएससीआई) की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि शिक्षा क्षेत्र की इकाइयां 2021-22 में विज्ञापन संहिता का उल्लंघन करने में सबसे आगे थी।