ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने क्रिप्टो एक्सचेंज प्रवर्तन निदेशालय के बैंक बैलेंस को फ्रीज कर दिया है। कुछ दिन पहले ही वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने एक लिखित उत्तर में बताया कि ED इस क्रिप्टो एक्सचेंज के खिलाफ क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े दो मामलों की फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के तहत जांच कर रहा है। WazirX के जरिए लगभग 2,790 करोड़ रुपये की कथित मनी लॉन्ड्रिंग की जांच ED कर रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक, ED ने वजीरएक्स चलाने वाली कंपनी जानमाई लैब के एक निदेशक से संबंधित परिसरों की तलाशी ली, इस दौरान मिली गड़बड़ी को देखते हुए ED निदेशक के 64.67 करोड़ रुपये के बैंक बैलेंस को फ्रीज करने का फैसला किया है।
पिछले महीने ईडी ने भेजा था समन
पिछले महीने ईडी ने कुछ क्रिप्टो एक्चेंजों को कथित तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग और फॉरेन एक्सचेंज के नियमों के उल्लंघन को लेकर समन भेजा था। जिन एक्सचेंज को समन भेजा गया था उनमें कॉइनडीसीएक्स (CoinDCX), वजीरएक्स (WazirX) और कॉइनस्विच कुबेर (Coinswitch Kuber) शामिल थे। वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने बताया था कि जांच से पता चला है कि भारत में जानमाई लैब्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा ऑपरेट किया जा रहा क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म वजीरक्स, केमैन आइलैंड बेस्ड एक्सचेंज बिनेंस के इन्फ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल कर रहा था। जांच में पाया गया है कि इन दोनों एक्सचेंजों के बीच सभी क्रिप्टो ट्रांजैक्शन ब्लॉकचेन पर दर्ज नहीं किए जा रहे थे और रहस्य बने हुए थे।
खर्च की गई मोटी रकम
ईडी ने जांच में पाया है कि फिनटेक कंपनियों ने क्रिप्टो एसेट्स खरीदने में मोटा पैसा खर्च किया और फिर उन्हें विदेशों में ट्रांसफर कर दिया। इन कंपनियों और इनके वर्चुअल एसेट्स को फिलहाल ट्रेस नहीं किया जा सकता। जांच में पाया गया कि अधिकतम रकम को वजीरएक्स एक्सचेंज को भेज दिया गया था और इस तरह खरीदे गए क्रिप्टो-एसेट्स को अज्ञात विदेशी वॉलेट में ट्रांसफर कर दिया गया था।