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Economic Crisis: भारत के कंगाल पड़ोसी देश ने चॉकलेट से लेकर शैंपू पर लगाया प्रतिबंध, जानिए क्यों लिया फैसला

Sri Lanka ने तत्काल प्रभाव से 300 उपभोक्ता वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसमें Chocolate, Perfume और Shampoo जैसी उपभोक्ता वस्तुएं शामिल हैं।

Written By: Amrish Kumar Yadav @theamrishkumar
Updated on: August 27, 2022 18:42 IST
Srilanka Crisis- India TV Paisa
Photo:FILE Srilanka Crisis

Highlights

  • श्रीलंका ने रोजाना इस्तेमाल में आने वाली लक्जरी वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगाया है
  • श्रीलंका ने तत्काल प्रभाव से 300 उपभोक्ता वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है
  • रीलंका वर्ष 1948 में अपनी आजादी के बाद से सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है

Economic Crisis: भारत के पड़ौसी देशों की आर्थिक हालात अच्छी नहीं चल रही है। पाकिस्तान गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहा है, वहीं श्रीलंका और नेपाल के हाल भी किसी से छिपे नहीं हैं। पाकिस्तान अपने देश में लक्जरी वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगा चुका है। वहीं अब श्रीलंका ने भी विदेशी मुद्रा को बचाने के लिए रोजाना इस्तेमाल में आने वाली लक्जरी वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगाया है।

300 वस्तुओं पर लगा प्रतिबंध 

श्रीलंका ने तत्काल प्रभाव से 300 उपभोक्ता वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसमें  चॉकलेट, परफ्यूम और शैंपू जैसी उपभोक्ता वस्तुएं शामिल हैं। वहां की सरकार ने इस प्रकार की 300 वस्तुओं के आयात पर रोक लगा दी है। श्रीलंका वर्ष 1948 में अपनी आजादी के बाद से सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। देश में विदेशी मुद्रा संकट के कारण आवश्यक वस्तुओं की कमी हो गई है। 

खाद्य से लेकर मशीनरी पर रोक

श्रीलंका के वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी एक विशेष अधिसूचना में चॉकलेट, परफ्यूम, मेकअप और शैंपू समेत कुल 300 उत्पादों पर प्रतिबंध लगाया गया है। अधिसूचना में कहा गया है कि आयात और निर्यात नियंत्रण नियमों के तहत खाद्य से लेकर मशीनरी उपभोक्ता वस्तुओं की एक विस्तृत श्रृंखला के आयात पर प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से लागू है।

IMF के दौरे से पहले बड़ा ऐलान 

श्रीलंका की इस वित्त वर्ष में बजट घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 6.8 प्रतिशत तक कम करने की योजना है। 2022 में यह आंकड़ा अनुमानित 9.9 प्रतिशत था। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने वर्ष 2023 से 2025 के लिए एक राजकोषीय रूपरेखा को मंजूरी दी है। गुनावर्धने ने कहा कि हमें कर्ज का प्रबंधन करने, मुद्रा की छपाई को कम करने और मुद्रास्फीति को कम करने के लिए घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के पांच प्रतिशत तक लाना होगा। आईएमएफ के प्रतिनिधिमंडल के दौरे से पहले राजकोषीय घाटे के लक्ष्य की घोषणा की गई। द्वीपीय राष्ट्र को 24 से 31 अगस्त के बीच कर्मचारी स्तर के समझौते पर पहुंचने के लिए बातचीत दोबारा शुरू करनी है। 

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