ऑनलाइन कॉमर्स प्लेटफॉर्म मीशो (Meesho) ने अपने 300 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। ऐसा करने के पीछे की बड़ी वजह कंपनी द्वारा अपने स्टोर को बंद करना है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के 90 प्रतिशत से अधिक शहरों (नागपुर और मैसूर को छोड़कर) के ग्रोसरी बिजनेस को कंपनी ने बंद कर दिया है।
पांच प्वाइंट में समझिए कंपनी के स्टोर बंद करने की पूरी कहानी
- मीशो सुपरस्टोर छह राज्यों कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में चालू था।
- मीशो ने नौकरी से निकाले गए लोगों को दो महीने का एडवांस सैलरी दिया है।
- ऑनलाइन किराने की खरीदारी को किफायती बनाने के लिए मीशो ने कर्नाटक में एक पायलट लॉन्च किया था जिसका लक्ष्य 2022 के अंत तक 12 राज्यों में सुपरस्टोर उपलब्ध कराना था।
- मीशो मार्केटप्लेस छोटे व्यवसायों को प्रदान करता है, जिसमें छोटे और मध्यम व्यवसाय (एसएमबी), सूक्ष्म, लघु और MSME और व्यक्तिगत एंटरप्राइजेज जुड़े हुए हैं। 700 से अधिक कैटेगरी में लाखों ग्राहकों तक कंपनी की पहुंच है।
- मीशो हाल ही में अपने प्लेटफॉर्म पर 10 करोड़ ट्रांजैक्शन करने में सफल हुआ है। कंपनी ने दावा किया है कि मार्च 2021 के बाद से प्लेटफॉर्म पर लेन-देन करने वाले उपयोगकर्ता आधार में 5.5 गुना वृद्धि हुई है।
इसी महीने शाओमी ने भी निकाले थे 900 कर्मचारी
चीनी स्मार्टफोन दिग्गज शाओमी (Xiaomi) ने मौजूदा आर्थिक मंदी के बीच 900 से अधिक लोगों को नौकरी से निकाल दिया था। कहा जा रहा है कि कंपनी के राजस्व में जून तिमाही (दूसरी तिमाही) में लगभग 20 प्रतिशत की गिरावट देखी गई थी। साउथ चाइना मॉर्निग पोस्ट (South China Morning Post) के अनुसार, यह संख्या कुल कर्मचारियों का 3 फीसदी है।
टेंसेंट ने 5,500 कर्मचारियों को निकाला
इससे पहले चीनी समूह टेंसेंट ने जून तिमाही में 19.8 अरब डॉलर का राजस्व आने पर 5,500 कर्मचारियों को निकाल दिया था। हाल ही में जारी हुई पीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई तक अमेरिका में 32,000 से अधिक टेक कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया था। उसमें माइक्रोसॉफ्ट और मेटा (फेसबुक) जैसी बड़ी टेक कंपनियां शामिल है। ऐसा सिर्फ बड़ी कंपनियों में नहीं बल्कि छोटे स्तर की कंपनियों में भी देखने को मिल रहा है।