देशभर में होम लोन महंगा होने के बावजूद मकान खरीदने की मची होड़ है। इसके चलते घरों की रिकॉर्ड बिक्री हो रही है। रियल एस्टेट सलाहकार फर्म एनारॉक के अनुसार, अप्रैल-जून में देश के 7 प्रमुख शहरों में घरों की बिक्री 36 फीसदी बढ़कर 1,15,100 यूनिट रही। घरों की बिक्री का यह 90 दिन में अब तक ऑल टाइम हाई आंकड़ा है। घरों की रिकॉर्ड बिक्री से कीमत में 6-10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। आंकड़ों के अनुसार, पुणे में अप्रैल-जून के दौरान आवास बिक्री में 65 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 12,500 इकाइयों से बढ़कर 20,680 इकाई हो गई। वहीं अगर दिल्ली-एनसीआर की बात करें तो यहां सुस्त मांग देखने को मिली। दिल्ली-एनसीआर में इस दौरान बिक्री 15,340 यूनिट से बढ़कर 16,450 यूनिट रही।
मुंबई और पुणे में सबसे ज्यादा मांग
रिपोर्ट के अनुसार, देश के टॉप 7 शहरों में कुल बिक्री में एमएमआर (मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन) और पुणे की हिस्सेदारी 51% से अधिक रही, जिसमें पुणे में सबसे अधिक 65% वार्षिक उछाल देखा गया। इन शहरों में कुल 58,770 यूनिट्स की बिक्री हुई। अगर नए प्रोजेक्ट लॉन्च की बात करें तो सबसे ज्यादा एनसीआर में देखने को मिली है। 2022 की दूसरी तिमाही की तुलना में 2023 की दूसरी तिमाही में 8,460 यूनिट्स लॉन्च हुईं। नए लॉन्च में लगभग 52% की वृद्धि देखी गई।
अनसोल्ड इन्वेंट्री में गिरावट आई
शीर्ष 7 शहरों में औसत आवासीय संपत्ति की कीमतें 2022 की दूसरी तिमाही की तुलना में 2023 की दूसरी तिमाही में 6-10% की वृद्धि हुई है इसका मुख्य कारण निर्माण कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि और मांग में समग्र वृद्धि है। हैदराबाद में प्रॉपर्टी की कीमत में सबसे अधिक 10% वार्षिक उछाल देखने को मिला। मकानों की जबरदस्त मांग से अनसोल्ड इन्वेंट्री में गिरावट आई है। शीर्ष 7 शहरों में इन्वेंट्री सालाना आधार पर 2% कम हुई है। नए लॉन्च में कमी से एनसीआर में 21% की सबसे अधिक वार्षिक गिरावट देखी देखने को मिली है।
आखिर क्यों बढ़ी घरों की बिक्री
अंतरिक्ष इंडिया के सीएमडी राकेश यादव ने इंडिया टीवी को बताया कि देश में घरों की मांग बढ़ने के कई कारण है। नंबर वन, भारत की मजबूत होती अर्थव्यवस्था, जो रोजगार के बड़े मौके पैदा कर रहा है। दुनिया में मंदी है लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे तेजी से बढ़ रही है। इससे लोगों की कमाई बढ़ रही है। कमाई बढ़ने के कारण लोग अपना घर खरीद रहे हैं। इसके अलावा घरों की मांग के अनुरूप सप्लाई में कमी, बढ़ती जनसंख्या, बेहतर एमनिटी में रहने की महत्वाकांक्षा जैसे कई कारण हैं जो घरों की मांग तेजी से बढ़ा रहे हैं। कीमत भी एक ऐसा फैक्टर है जो दूसरे देशों के मुकाबले काफी कम है। यह भी मांग पैदा करने में अहम भूमिका निभा रहा है। कुल मिलाकर घरों की मांग आने वाले कई सालों तक ऐसी ही बनी रहने वाली है। इसमें कोई ब्रेक नहीं आने वाला है।