अमूल ब्रांड के तहत डेयरी उत्पाद बेचने वाली गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ लिमिटेड (GCMMF) ने शनिवार को कहा कि बेहतर बिक्री के चलते बीते वित्त वर्ष 2023-24 में उसका कारोबार आठ प्रतिशत बढ़कर 59,445 करोड़ रुपये हो गया है। सहकारी समिति ने अपनी 50वीं वार्षिक आम बैठक (AGM) के बाद एक बयान में कहा, “जीसीएमएमएफ के स्वर्ण जयंती वर्ष में संगठन ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आठ प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि के साथ 59,545 करोड़ रुपये (सात अरब डॉलर) का कारोबार किया।”
दुनिया का सबसे स्ट्रांग डेयरी ब्रांड
ब्रांड अमूल का समूह कारोबार वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़कर 80,000 करोड़ रुपये (10 अरब डॉलर) हो गया, जो 2022-23 में 72,000 करोड़ रुपये (नौ अरब डॉलर) था। ब्रिटेन स्थित दुनिया की अग्रणी ब्रांड परामर्श कंपनी ब्रांड फाइनेंस के अनुसार, अमूल को दुनिया का सबसे मजबूत खाद्य ब्रांड और सबसे मजबूत डेयरी ब्रांड का दर्जा दिया गया है। जीसीएमएमएफ ने कहा कि यह दुनिया की सबसे बड़ी किसान-स्वामित्व वाली डेयरी सहकारी संस्था है, जिसके गुजरात के 18,600 गांवों में 36 लाख किसान जुड़े हुए हैं। इसके 18 सदस्य संघ प्रतिदिन 300 लाख लीटर दूध खरीदते हैं। जीसीएमएमएफ के चेयरमैन शामलभाई पटेल ने कहा, “जीसीएमएमएफ ने अपने स्वर्ण जयंती वर्ष में दुनिया में सबसे मजबूत खाद्य ब्रांड के रूप में उभरने की ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है।”
गुजरात के छोटे से शहर से हुई शुरुआत
अमूल ब्रांड की मूल कंपनी गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ लिमिटेड का मुख्यालय गुजरात के आणंद में है। यह अहमदाबाद से करीब 100 किलोमीटर दूर एक छोटा सा शहर है। इसे देश की मिल्क कैपिटल के नाम से भी जाना जाता है। अमूली ब्रांड की स्थापना साल 1946 में हुई थी। उस समय गुजरात में केवल एक ही पोलसन डेयरी थी। धीरे-धीरे अमूल भारत ही नहीं बल्कि कई दूसरे देशों तक भी फैल गई।