देशभर में झुलसाती गर्मी ने अपना असर दिखना शुरू कर दिया है। देश के कई राज्यों में पारा 44 डिग्री के पार निकल गया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, अप्रैल में गर्मी ने नया रिकॉर्ड बना दिया है। अब मई में भी सामान्य से अधिक तापमान रहने का अनुमान जताया गया है। मई महीने में पड़ने वाली भीषण गर्मी से न सिर्फ जीवन अस्त-व्यस्त होगा बल्कि खाने की थाली पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है।
दरअसल, भीषण गर्मी से हीटवेव (लू) के थपेड़े चलते हैं। इससे खाने-पीने के कई जरूरी सामान का उत्पादन और सप्लाई प्रभावित होता है। इससे कई जरूरी फूड आइटम्स की कीमत बढ़ जाती है। इसका असर आम लोगों की जेब पर होता है क्योंकि खाने की थाली महंगी हो जाती है। आइए जानते हैं कि कैसे चिलचिलाती गर्मी बढ़एगी किचन का बजट।
सब्जियों की कीमत में उछाल
जानकारों का कहना है कि अगर आप पिछले कुछ सालों का रिकॉर्ड देखें तो गर्मी में सब्जियों की कीमत बढ़ जाती है। इस साल रिकॉर्ड गर्मी पड़ने का अनुमान है। इससे फल और सब्यिजों की पैदाबार बुरी तरह प्रभावित हो सकती है। हीटवेव से फल और सब्जियां जल्दी खराब हो जाती है। इससे उनका उत्पादन, भंडारण और परिवहन बुरी तरह प्रभावित होता है। ये कीमत बढ़ाने का काम करेंगी। आंकड़ों से पता चलता है कि मार्च में खुदरा खाद्य मुद्रास्फीति 8.5% के उच्चतम स्तर पर थी। उपभोक्ता सब्जियों की कीमतें पहले से ही साल-दर-साल 28% अधिक थीं। ऐसे में मई और जून के दौरान दाम में तेज उछाल की आशंका है। आपको बता दें कि टमाटर के दाम पिछले साल के मुकाबले अभी 62% अधिक है।
गेहूं के उत्पादन पर भी असर संभव
कृषि क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि इस साल ज्यादा गर्मी का असर गेहूं के उत्पादन पर भी देखने को मिल सकता है। देश के प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में इसकी पैदावार में लगभग 20 से 25 फीसदी तक की कमी आ सकती है। इससे ओवरऑल गेहूं के उत्पादन में 10 फीसदी तक की कमी आ सकती है। गेहूं का उत्पादन घटने से ब्रेड से लेकर आंटा तक की कीमत में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
बाहर से आने वाली सब्जियों की आवक घटी
आजादपुर और गाजीपुर सब्जी मंडी में काम करने वाले कारोबारियों का कहना है कि गर्मी की धमक के साथ ही मंडियों में सब्जियों की आवक घट गई है। मध्य प्रदेश से टमाटर की आवक घट गई है। इसी तरह दूसरी सब्जियों की सप्लाई भी प्रभावित हुई है। कारोबारियों का कहना है कि भीषण गर्मी से बागवानी फसलों के उत्पादन में गिरावट आती है। इससे सब्जियों और दूसरी खाने-पीने के सामान महंगी हो जाती है।
एक महीने में दाम तेजी से बढ़े
गृहणियों का कहना है कि मार्च के बाद खाने-पीने के जरूरी सामान और सब्जियों के दाम में बढ़ोतरी जारी है। आलू, प्याज, टमाटर, धनिया, मिर्च, अदरक, लौकी, तरोई, करेला, कद्दू, भिंडी और बैगन के दाम में बड़ी तेजी आ गई है। अगर प्रति किलो देखें तो प्रमुख सब्जियों के दाम में 10 रुपये से लेकर 15 रुपये की तेजी आ गई है।