Opening a Petrol Pump: देश में सहकारिता को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए सरकार ने बुधवार को कहा कि प्राथमिक कृषि साख समितियों (पीएसीएस) को अपने थोक उपभोक्ता पेट्रोल पंपों को खुदरा दुकानों में बदलने का विकल्प दिया जाएगा। सरकार ने कहा कि थोक पेट्रोल और डीजल डीलरशिप लाइसेंस वाली पीएसीएस को यह विकल्प एक बार ही दिया जाएगा। सरकार ने आगे कहा कि देश में सहकारी आंदोलन को मजबूत करने के लिए पीएसीएस को नये पेट्रोल/डीजल डीलरशिप के आवंटन में प्राथमिकता दी जाएगी। इन समितियों को एलपीजी डीलरशिप भी मिल सकेगी। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक ये फैसला सहकारिता मंत्री अमित शाह और पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी के साथ हुई एक बैठक में लिया गया। इसके अलावा बैठक में फैसला किया गया कि चीनी सहकारी मिलों को एथनॉल मिश्रण कार्यक्रम के तहत एथनॉल बेचने को प्राथमिकता दी जाएगी।
जानें पेट्रोल का रेट?
बयान में कहा गया है कि पेट्रोलियम मंत्रालय एलपीजी वितरण के लिए पीएसीएस को योग्य बनाने के लिए नियमों में भी बदलाव करेगा। पीएसीएस को नए पेट्रोल/डीजल डीलरशिप के आवंटन के लिए स्वतंत्रता सेनानियों और खेल कोटा के साथ संयुक्त श्रेणी 2 (सीसी 2) के तहत रखा जाएगा। केंद्रीय उत्पाद शुल्क पेट्रोल की कीमत का 20% और डीजल की कीमत का 17.6% है। बता दें कि कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के रुझान के परिणामस्वरूप 13 अप्रैल 2023 को भारत के कई प्रमुख शहरों में पेट्रोल की कीमतों और डीजल की कीमतों में संशोधन देखा गया है। बैंगलोर में पेट्रोल की कीमत 0.04 रुपये बढ़कर 101.99 रुपये प्रति लीटर, गुड़गांव में पेट्रोल की कीमत 49 पैसे प्रति लीटर बढ़कर 97.38 रुपये, पटना में पेट्रोल 50 पैसे महंगा होकर 107.74 रुपये प्रति लीटर तथा रांची में पेट्रोल 0.19 रुपये बढ़कर 100.03 रुपये प्रति लीटर हो गया है।
डीजल के रेट में भी बदलाव
इसी तरह, देश भर में डीजल की कीमतें बढ़ी हैं। गुड़गांव और पटना में डीजल 48 पैसे महंगा होकर क्रमश: 90.24 रुपये प्रति लीटर और 94.51 रुपये प्रति लीटर हो गया है। बेंगलुरु में यह 5 पैसे महंगा होकर 87.94 रुपये प्रति लीटर हो गया है, पुणे में 0.06 रुपये से 92.43 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है। वैल्यू एडेड टैक्स (VAT), माल ढुलाई शुल्क, स्थानीय टैक्स आदि जैसे विभिन्न मानदंडों के आधार पर राज्य द्वारा पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है। बता दें कि ईंधन दरों में अंतिम देशव्यापी परिवर्तन पिछले साल 21 मई को हुआ था, जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 8 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर की कटौती की।