क्या रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी में निवेश करने का सही समय है? ऐसा इसलिए कि कोरोना के बाद से प्रॉपर्टी की कीमतें तेजी से बढ़ी है। ऐसे में बड़ा सवाल कि अब इस सेक्टर में निवेश फायदे का सौदा होगा। इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमने रियल एस्टेट सेक्टर के दिग्गज एक्सपर्ट और अंतरिक्ष इंडिया के सीएमडी राकेश यादव से बात की। उन्होंने बताया कि अभी भी रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी में निवेश करने का मौका नहीं चूकाना चाहिए। इसके लिए उन्होंने 4 अहम वजह गिनाई, जिसे जानते हैं।
1. बिके मकानों की संख्या तेजी से घटी
उन्होंने बताया कि कोरोना के बाद बिना बिके मकानों की संख्या तेजी से घटी है। वहीं नए प्रोजेक्ट की लॉन्चिंग में बड़ी गिरावट आई है। यह कीमत बढ़ाने का काम करेगा। रियल एस्टेट रिसर्च फर्म प्रॉपइक्विटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि देश के प्रमुख 14 शहरों में जनवरी-मार्च, 2023 में बिना बिके मकानों की संख्या तिमाही आधार पर छह प्रतिशत घटकर 5.18 लाख इकाई रह गई। इसकी वजह प्रॉपर्टी की जबरदस्त मांग है। रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी मार्केट में 2023 की पहली तिमाही में अच्छी वृद्धि हुई। तिमाही बिक्री, नये बने मकानों के मुकाबले 32 प्रतिशत अधिक थी। यानी मार्केट में मांग अधिक है और सप्लाई कम। यह आने वाले समय में प्रॉपर्टी की कीमत और बढ़ाने का काम करेंगे।
2. विदेशी निवेशकों का रुझान प्रॉपर्टी पर सिफ्ट हुआ
भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र में बीते 5 साल में विदेशी निवेशकों से 26.6 अरब अमेरिकी डॉलर मिले है।। यह आंकड़ा इससे पहले के छह वर्ष के मुकाबले तीन गुना है। निवेश में अमेरिका और कनाडा की 70 प्रतिशत हिस्सेदारी है। वहीं रियल एस्टेट क्षेत्र में संस्थागत निवेश जनवरी-मार्च, 2023 की तिमाही में 37 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1.65 अरब डॉलर पर पहुंच गया। यह वृद्धि कार्यालय और आवासीय संपत्तियों की मांग बढ़ने के कारण हुई है। राकेश यादव ने कहा कि ये इस बात के संकेत हैं कि भारतीय प्रॉपर्टी बाजार के प्रति विदेशी निवेशकों का रुझान लगातार बढ़ रहा है। यह भी प्रॉपर्टी की मांग और कीमत बढ़ाने में मदद करेंगे।
3. घर का पजेशन मिलने में आएगी तेजी
एनारॉक के अनुसार इस साल रियल एस्टेट डेवलपर्स 5.58 लाख घरों की चाबी उनके मालिक को सौंप सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार रियल एस्टेट डेवलपर 2023 में देश के प्रमुख सात शहरों में 5.58 लाख घरों का निर्माण पूरा कर सकते हैं। पिछले कैलेंडर साल में 4,02,000 घरों का निर्माण पूरा होना था। यह प्रॉपर्टी बाजार के सेंटिमेंट को बेहतर करने काम करेगा, जिससे मार्केट में रौनक लौटेगी। इसका असर भी प्रॉपर्टी की कीमत पर देखने को मिलेगा। इसके साथ ही रेरा आने से घर खरीदारों का विश्वास बढ़ा है। यह रियल एस्टेट सेक्टर को संगठित करने का काम कर रहा है।
4. घर खरीदना हुआ महंगा
कोरोना महामारी के बाद घर के दाम में 15% से 20 फीसदी तक की तेजी आ गई है। दिल्ली-एनसीआर के कई सेक्टर में इससे ज्यादा भी तेजी दर्ज की गई है। कीमत में तेजी निर्माण में इस्तेमाल होने वाले सामान की कीमत में बड़ी बढ़ोतरी से हुई है। यह आगे भी थमने वाली नहीं है। इसका असर सेकेंड्री मार्केट पर हुआ है। वहां भी कीमत बढ़ी है। ऐसे में अगर कोई निवेश के लिए फ्रेस प्रॉपर्टी खरीदता है तो वह लंबी अवधि में शानदार रिटर्न प्रॉप्त कर सकता है। ऐसे में कोई शक नहीं है कि अगर इस समय भी कोई रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी में निवेश करता है तो वह उसके लिए सही फैसला होगा।