हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद बीते दो सप्ताह से झटके पर झटके झेल रहे अडानी समूह को दिए गए कर्ज पर आज रिजर्व बैंक का बयान भी आ गया है। स्टेट बैंक और पीएनबी जैसे समूहों द्वारा अडानी समूह को दिए गए कर्ज को लेकर उठ रहे सवालों पर आज भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बयान दिया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि देश के बैंक इतने बड़े और मजबूत हैं कि उनपर ऐसे मामलों का असर नहीं पड़ेगा।
अमेरिकी वित्तीय शोध और निवेश कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के मद्देनजर अडाणी समूह की कंपनियों को बैंकों की तरफ से दिये गये कर्ज को लेकर विभिन्न तबकों में चिंता जतायी जा रही है। रिपोर्ट के बाद समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई है। अडानी समूह से जुड़े एक सवाल के जवाब में दास ने कहा कि आरबीआई ने स्वयं से अपना आकलन किया और शुक्रवार को बयान जारी किया।
बयान में कहा गया है कि देश के बैंक मजबूत हैं। उन्होंने अडानी समूह का जिक्र किये बिना कहा, ‘‘आज के समय में भारतीय बैंकों का आकार, उनकी क्षमता काफी मजबूत है। उनकी क्षमता ऐसी है कि वे इस प्रकार के मामलों से प्रभावित होने वाले नहीं हैं।’’ उनसे यह पूछा गया था कि क्या मौजूदा स्थिति में आरबीआई घरेलू बैंकों को अडानी समूह की कंपनियों को दिये गये कर्ज को लेकर कोई दिशानिर्देश जारी करेगा। मौद्रिक नीति समिति की घोषणा के बाद दास ने कहा कि बैंक कर्ज देते समय, संबंधित कंपनी की बुनियाद और संबंधित परियोजनाओं के लिये नकद प्रवाह की स्थिति पर गौर करते हैं।
अडानी समूह को भारतीय बैंकों से कम कर्ज
दास ने यह भी साफ किया कि कर्ज के मामले में कंपनियों के बाजार पूंजीकरण से कोई लेना-देना नहीं होता है। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एम के जैन ने कहा कि घरेलू बैंकों का अडाणी समूह को दिया गया कर्ज कोई बहुत ज्यादा नहीं है। शेयरों के बदले जो कर्ज दिया गया है, वह बहुत कम है। दास ने कहा कि गुजरते समय के साथ बैंकों की मूल्यांकन प्रणाली काफी सुधरी है।
SBI और PNB पर अडानी का कितना कर्ज?
भारतीय स्टेट बैंक ने जानकारी देते हुए रिजर्व बैंक को बताया है कि अडानी समूह को बैंक की ओर से 23000 करोड़ रुपये का कर्ज दिया है। इससे पहले भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि अडाणी समूह को दिया गया कर्ज भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बड़े एक्सपोजर फ्रेमवर्क से काफी कम है। वहीं पंजाब नेशनल बैंक की ओर से बताया गया है कि अडानी समूह को 7000 करोड़ रुपये का कर्ज प्रदान किया गया है।
रिजर्व बैंक ने मांगी जानकारी
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार अडानी समूह में गिरावट को देखते हुए RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) ने स्थानीय बैंकों से अडानी समूह की कंपनियों, सरकार और बैंकिंग स्रोतों में उनके जोखिम का विवरण मांगा है। रिजर्व बैंक ने सभी बैकों से पूछा है कि उन्होंने अडानी समूह को किस क्षेत्र में और कितना लोन दिया है और अभी उसके कितने कर्ज की वापसी हो गई है।