Highlights
- वित्त मंत्रालय ने घरेलू एयरलाइंस को दी छूट
- ATF की खरीद पर 11% एक्साइज ड्यूटी से दी राहत
- सरकार ने ATF के एक्सपोर्ट पर लगाई थी ₹6 प्रति लीटर की दर से स्पेशल एडिशनल एक्साइज ड्यूटी
Domestic Airlines Excise Duty: वित्त मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का संचालन करने वाली घरेलू एयरलाइंस को ऑयल मार्केटिंग कंपनियों से एयरक्राफ्ट फ्यूल ATF की खरीद पर 11% बुनियादी एक्साइज ड्यूटी से राहत दे दी है। मंत्रालय ने एक अधिसूचना में इसकी जानकारी दी। मंत्रालय ने कहा कि घरेलू एयरलाइंस को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के संचालन के लिए बेचे जाने वाले एटीएफ पर बुनियादी एक्साइज ड्यूटी नहीं वसूला जाएगा।
डोमेस्टिक एयरलाइंस पर एक्साइज ड्यूटी नहीं होगी लागू
यह फैसला 1 जुलाई से ही लागू हो गया है। सरकार ने गत 1 जुलाई को एयरक्राफ्ट फ्यूल के एक्सपोर्ट पर 6 रुपये प्रति लीटर की दर से विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क लगाने की घोषणा की थी। उसके बाद इस बात पर संदेह पैदा हो गया था कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का संचालन करने वाली घरेलू एयरलाइंस पर यह शुल्क लागू होगा या नहीं। ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की यह राय थी कि एटीएफ के एक्सपोर्ट पर एक्साइज ड्यूटी लगने के बाद अंतरराष्ट्रीय उड़ानों वाली घरेलू एयरलाइंस को 11% की दर से बुनियादी उत्पाद शुल्क देना होगा। लेकिन वित्त मंत्रालय ने इस पर साफ किया है कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए घरेलू एयरलाइंस पर यह उत्पाद शुल्क नहीं लागू होगा।
"एयरलाइन उद्योग के लिए एक स्वागत-योग्य कदम"
यह व्यवस्था विदेशी एयरलाइंस को एक्साइज ड्यूटी में दी जाने वाली छूट के अनुरूप ही होगी। KPMG के कर साझेदार अभिषेक जैन ने कहा, "विदेश जाने वाले विमान के एयरक्राफ्ट फ्यूल पर उत्पाद शुल्क लागू होने से सरकार ने राहत दे दी है। यह एयरलाइन उद्योग के लिए एक स्वागत-योग्य कदम है।"
गौरतलब है, कि 1 जुलाई को सरकार ने घरेलू सप्लाई को नजरअंदाज कर विदेशों में बिक्री करने की कुछ रिफाइनिंग कंपनियों की प्रवृत्ति पर लगाम लगाने के लिए पेट्रोल, डीजल-पेट्रोल और एयरक्राफ्ट फ्यूल (एटीएफ) के एक्सपोर्ट पर टैक्स लगा दिया। इसके साथ ही कच्चे तेल के घरेलू उत्पादन से होने वाले अप्रत्याशित लाभ पर टैक्स लगाने की भी घोषणा की गई। सरकार ने पेट्रोल और एटीएफ के एक्सपोर्ट पर 6 रुपये प्रति लीटर और डीजल के एक्सपोर्ट पर 13 रुपये प्रति लीटर की दर से टैक्स लगाने का फैसला किया है। ये नई दरें 1 जुलाई से प्रभावी हो चुकी हैं।