महंगे कच्चे तेल के चलते भले ही हवाई टिकटों की कीमत आसमान छू रही है। लेकिन इसका कोई असर घरेलू हवाई यात्री यातायात पर पड़ता नहीं दिख रहा है। मई महीने में हवाई यातायात 5 गुना बढ़ गया है। ताजा आंकड़े के अनुसार मई में भारतीय विमानन कंपनियों ने स्थानीय मार्गों पर 1.20 करोड़ यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया।
डीजीसीए द्वारा बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक यह आंकड़ा सालाना आधार पर पांच गुना अधिक है। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के आंकड़ों के अनुसार मई 2021 में घरेलू हवाई यात्री यातायात केवल 21 लाख था।
हवाई यात्रियों की यह संख्या तब है जब एटीएफ की कीमतों में पिछले साल से 91 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हो चुकी है। विमान संचालन में ATF पर होने वाले खर्च की हिस्सेदारी 40 फीसदी रहती है। यही कारण है कि एटीएफ में वृद्धि से टिकटें महंगी होती हैं। 2022 में जनवरी से अब तक ATF के मूल्य में 11 बार वृद्धि की जा चुकी है। साल की शुरुआत में 1 जनवरी को इसकी कीमत 72,062 रुपये प्रति किलोलीटर थी। वहीं तब से इसमें 91 फीसदी की बढ़ोत्तरी हो चुकी है।
मई 2022 के आंकड़े
कंपनी | बाजार |
इंडिगो | 70 लाख |
गो फर्स्ट | 12.76 लाख |
एयर इंडिया | 8.23 लाख |
विस्तार | 9.83 लाख |
एयरएशिया | 6.86 लाख |
आंकड़ों के मुताबिक स्पाइसजेट ने 89.1 प्रतिशत का उच्चतम लोड फैक्टर दर्ज किया, जिसके बाद 86.5 प्रतिशत के साथ गो फर्स्ट रही। ‘लोड फैक्टर’ से यह पता चलता है कि किसी एयरलाइन ने यात्री परिवहन क्षमता का कितना उपयोग किया।
एक साल में डबल हो गया किराया
गंतव्य | 2021 | 2022 |
दिल्ली से मुंबई | 2400 | 5400 |
दिल्ली से पुणे | 2800 | 6550 |
दिल्ली से बेंगलुरू | 4200 | 6200 |
दिल्ली से कोलकाता | 4100 | 5530 |
दिल्ली से पटना | 3100 | 5850 |
(कीमतें जुलाई से सितंबर के औसत के आधार पर
एक साल में दोगुनी हुई ATF की कीमत
बीते साल जून के मुकाबले एटीएफ 2022 में कीमत लगभग दोगुनी हो गई है, वहीं पिछले छह महीनों में कीमतों में 91% का इजाफा हुआ है। बता दें कि 3 जून को जेट ईंधन की कीमतों में 1.3 प्रतिशत की कटौती की गई थी। इससे पहले जनवरी से अब तक एविएशन टरबाइन फ्यूल (ATF) की कीमतों में 10 बार बढ़ोतरी की गई थी।