TCS Rate News: किसी भी इंटरनेशनल शेयर बाजार में निवेश करने के लिए वहां के स्टॉक एक्सचेंज में एक डीमैट अकाउंट ओपेन कराना होता है। एक बार जब आप उस स्टॉक एक्सचेंज में रजिस्टर्ड हो जाते हैं तब आप उस मार्केट में कारोबार कर रहे कंपनियों के शेयर खरीद सकते हैं। अगर कोई व्यक्ति अमेरिका के शेयर बाजार में भारत से पैसा लगाना चाहता है तो उसे भी सबसे पहले इस प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ेगा। यह पहले भी होता था, बस अब सरकार पहले की तुलना में अधिक पैसा वसूलेगी। केंद्र सरकार ने टीसीएस रेट को 5% से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया है। यानि अगर आप 10 लाख रुपये का निवेश करना चाहते हैं तो आपको 2,00,000 रुपये सरकार को चुकाने होंगे। उसके बाद बचे 8,00,000 रुपये आप निवेश कर पाएंगे। यह सेम फॉर्मूल घूमने के लिए डॉलर खरीदने पर लागू होगा। ये टीसीएस क्या होता है और कैसे काम करता है? आइए एक बार जान लेते हैं।
कितने रुपये के ट्रांजैक्शन पर होगा लागू
20 प्रतिशत टीसीएस उन मामलों में लागू होगा जहां 7 लाख रुपये से अधिक की धनराशि भारत से बाहर भेजी जाती हो। बता दें, ये नए नियम 1 जुलाई, 2023 से प्रभावी होंगे। TCS का पूरा नाम टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स है। खरीदार टीसीएस बिल का भुगतान करने के लिए जिम्मेदार है। 1961 के आयकर अधिनियम की धारा 206C में इसके बारे में जानकारी मिलती है। अगर आप कहीं घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं तो आपको 1 जुलाई से पहले तक की प्लानिंग करनी चाहिए, क्योंकि यह नया नियम 1 जुलाई 2023 से लागू हो जाएगा।
- टीडीएस एक कर्मचारी को कंपनी के तरफ से भुगतान किया जाता है, जबकि टीसीएस व्यक्ति खुद भरता है।
- TCS स्क्रैप, लकड़ी, तेंदू पत्ते, खनिज और अन्य समान उत्पादों की बिक्री पर लागू होता है। टीडीएस को मजदूरी, ब्याज, लाभांश, पेशेवर शुल्क, दलाली और कमीशन, और अन्य भुगतानों से काटा जाता है।
- जब कोई बिल एक निश्चित दर पर पहुंचता है, तो टीडीएस काटा जाता है, जबकि भुगतान राशि की परवाह किए बिना टीसीएस लागू किया जाता है। टीसीएस दिए गए प्रकार के उत्पाद के आधार पर एक समान दर पर एकत्र किया जाता है।