दुनिया की विदेशी मुद्राओं के मुकाबले डॉलर के मजबूत होने तथा एशियाई मुद्राओं के कमजोर होने के कारण शुक्रवार को अमेरिकी मुद्रा डॉलर के मुकाबले रुपया 48 पैसे की भारी गिरावट के साथ 83.61 प्रति डॉलर पर अब तक के सबसे निचले स्तर बंद हुआ। बाजार के जानकारों कहना हैं कि फॉरेन फंड्स द्वारा लगातार की जा रही निकासी के कारण रुपये पर दबाव बना हुआ है।
डॉलर vs रुपये में कारोबार
इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में डॉलर के मुकाबले रुपया 83.28 प्रति डॉलर पर कमजोर खुला तथा कारोबार के अंत में डॉलर के मुकाबले 48 पैसे लुढ़ककर 83.61 प्रति डॉलर पर अब तक के सबसे निचले स्तर बंद हुआ। कारोबार के दौरान रुपये ने 83.65 प्रति डॉलर के निचले स्तर को भी छुआ था। पिछले कारोबारी सत्र में रुपया 83.13 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। इस तरह रुपये में 48 पैसे प्रति डॉलर की बड़ी गिरावट दर्ज की गई। इससे पूर्व 13 दिसंबर, 2023 को रुपये ने 83.40 प्रति डॉलर के निम्नतम स्तर को छुआ था।
रुपये के गिरने का कारण
समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत करते हुए शेयरखान बाय बीएनपी पारिबा के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि कमजोर यूरो और पाउंड के कारण अमेरिकी डॉलर मजबूत हुआ। यूरो में गिरावट आने की वजह स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) ने ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत से लेकर 1.5 प्रतिशत तक की कटौती कर बाजारों को आश्चर्यचकित कर दिया। इससे जून 2024 में यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ईसीबी) द्वारा ब्याजदर में कटौती की संभावना बढ़ गई है। बैंक ऑफ इंग्लैंड के ब्याज दर को 5.25 प्रतिशत पर स्थिर रखने के बाद पाउंड में भी गिरावट आई। चौधरी ने कहा कि अमेरिका के मजबूत आर्थिक आंकड़ों ने भी अमेरिकी डॉलर का समर्थन किया। इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.31 प्रतिशत की तेजी के साथ 104.32 पर पहुंच गया।
भारतीय बाजार में तेजी
बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 190.75 अंक की तेजी के साथ 72,831.94 अंक पर बंद हुआ। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने शुक्रवार को 3,309.76 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की। वहीं, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.05 प्रतिशत की गिरावट के साथ 85.74 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था।