Highlights
- भूराजनीतिक तनाव और बढ़ने से प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर में तेजी आई
- एशियाई मुद्राओं की तरह रुपया भी रिकॉर्ड निचले स्तर पर
- अर्थव्यवस्था में मजबूती के बाद भी रुपये में गिरावट का मौजूदा रुख जारी रह सकता है
Dollar Vs Rupee: अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरें बढ़ाने और आगे भी सख्त रूख बनाए रखने के स्पष्ट संकेत से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई जिसके चलते बृहस्पतिवार को रुपया 90 पैसे की बड़ी गिरावट के साथ 80.86 प्रति डॉलर (अस्थायी) के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि फेडरल रिजर्व के दरों में बढ़ोतरी करने और यूक्रेन में भूराजनीतिक तनाव बढ़ने की वजह से निवेशक जोखिम उठाने से बच रहे हैं। वहीं विदेशी बाजारों में अमेरिकी मुद्रा की मजबूती, घरेलू शेयर बाजार में गिरावट और कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी भी रुपये को प्रभावित कर रही है।
रुपया 80.27 पर खुला था
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 80.27 पर खुला। दिन में कारोबार के दौरान यह और गिरकर 80.95 के सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया। अंत में यह 80.86 पर बंद हुआ जो पिछले बंद भाव के मुकबले 90 पैसे की गिरावट दर्शाता है। फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 0.75 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। विदेशी मुद्रा कारोबारियों का कहना है कि अब सारा ध्यान बैंक ऑफ जापान तथा बैंक ऑफ इंग्लैंड की मौद्रिक नीति पर रहेगा। छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.38 प्रतिशत बढ़कर 110.06 पर पहुंच गया।
विशेषज्ञों ने आगे भी टूटने का अनुमान लगाया
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, ‘‘फेडरल रिजर्व के आक्रामक रूख और रूस तथा यूक्रेन के बीच भूराजनीतिक तनाव और बढ़ने से प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर में तेजी आई।’’ अन्य एशियाई मुद्राओं की तरह रुपया भी रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। परमार ने कहा, ‘‘घरेलू अर्थव्यवस्था में मजबूती आने के बाद भी रुपये में गिरावट का मौजूदा रुख जारी रह सकता है।’’ शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बुधवार को 461.04 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।