बिहार और पूर्वांचल से नौकरी, मजदूरी, छोटे कारोबार करने के लिए लाखों प्रवासी लोग देश के कोने-कोने में फैले हैं। दो जून की रोटी की जुगाड़ में इन क्षेत्रों में रहने वाले लोग पलायन को मजबूर हैं। पूरे साल ये मेहनत, मजदूरी कर हर साल दिवाली और छठ पर घर जाते हैं लेकिन इस वक्त भी इनके मजबूरी का फायदा उठाया जाता है। आपको बता दें कि इस बार भी तस्वीर नहीं बदली है। दिवाली और छठ पर जाने के लिए ट्रेन में टिकट उपलब्ध नहीं है। रेलवे की ओर से लगातार स्पेशल ट्रेन का ऐलान किया जा रहा है लेकिन वो काफी दिखाई नहीं दे रहा है। ट्रेन में टिकट उपलब्ध नहीं होने का फायदा प्राइवेट बस प्लेयर और विमानन कंपनियां जमकर उठा रही हैं। बस से लेकर प्लेन टिकट में 3 से 4 गुना की बढ़ोतरी अभी ही हो गई है। तारीख नजदीक आने पर और बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
दिल्ली से पटना का हवाई टिकट 15 गुना तक महंगा हुआ
आमतौर पर दिल्ली से पटना का किराया आम दिनों में 3000 रुपये से लेकर 4500 रुपये के बीच रहता है। आसानी से इस रेट में टिकट मिल जाता है। लेकिन अगर आप दिवाली और छठ का टिकट बुक कर रहें हैं तो टिकट का रेट देखकर आपके होश उड़ जाएंगे। आपको बता दें कि 21 अक्टूबर से लेकर 5 नवंबर तक किसी भी दिन का किराया 12,000 रुपये से कम नहीं है। कई प्लेन में यह किराया 45 हजार रुपये तक है। यानी अगर आप दिवाली से लेकर छठ तक किसी भी दिन घर जाना चाहते हैं तो आपकी जेब ढीली करनी होगी। ऐसा नहीं कि सिर्फ दिल्ली से पटना का किराया ही आसमान छू रहा है। आप मुंबई से पटना, दरभंगा, बेंगलुरु से दरभंगा या किसी और शहर के लिए फ्लाइट लेते हैं तो आपसे मोटा किराया वसूला जा रहा है। गूगल के जरिय आसानी से किराया चेक कर सकते हैं। सबसे बड़ी विडंबना है कि विमानन कंपनियां मनमाना किराया वसूल रही है लेकिन इस पर डीजीसीए की ओर से कोई कंट्रोल नहीं किया जा रहा है।
बस और प्राइवेट टैक्सी वाले भी पीछे नहीं
मौके की नजाकत को भांपते हुए बस और प्राइवेट टैक्सी वाले पीछे नहीं है। वह भी दिल्ली से बिहार के कई शहरों के लिए मनमाना किराया वसूल रहे हैं। आम दिनों में दिल्ली से बिहार का किराया 1600 रुपये से 2000 के बीच होता है। दिवाली और छठ को देखते हुए बढ़कार 3500 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक वसूल रहे हैं। प्राइवेट टैक्सी वाले भी अनाप-शनाप चार्ज कर रहे हैं। इस बीच दलाल भी काफी एक्टिव हो गए हैं। लोगों को टिकट दिलाकर घर भेजने के लिए मोटा वसूल रहे हैं। दिल्ली और आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर सैंकड़ों दलाल इन दिनों एक्टिव हैं। मजबूर यात्री किसी भी सूरत में घर जाना चाह रहा है। वह करे तो क्या करें?
यात्रियों का कहना- हम क्या करें समझ नहीं आ रहा
हमने अपने आसपास रहने वाले कई यात्रियों से बात की जो दिवाली और छठ पर घर जाने की तैयारी में है। उन्होंने कहा कि सीमित संख्या में ट्रेनों की उपलब्धता के कारण हवाई जहाज और प्राइवेट लग्जरी बसों की मनमानी बढ़ गई है। यात्रियों से मनमाना किराया वसूला जा रहा है। किराया में असमान रूप से बढ़ोतरी से यात्री परेशान हैं। उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि वो घर जाएं तो कैसे? अगर इतनी महंगी टिकट खरीद कर जाएंगे तो उनका पूरा बजट की गड़बड़ हो जाएगा।