केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने रियल एस्टेट कारोबारियों को मंगलवार को भरोसा दिलाया कि वह अन्य उद्योगों की तरह रियल एस्टेट क्षेत्र को आसान फंडिंग उपलब्ध कराने का मुद्दा भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के समक्ष उठाएंगे। मंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि वह रियल एस्टेट प्रोजेक्ट के लिए तेजी से मंजूरी के लिए राज्य सरकारों तथा शहरी स्थानीय निकायों से बात करेंगे, बशर्ते बिल्डर ईमानदारी और पारदर्शी तरीके से कारोबार करने का वादा करें। उन्होंने कहा, अब हमारे पास अधिक ईमानदार व्यवस्था है। शुक्र है कि अब बहुत से बेईमान डेवलपर मार्केट से बाहर हो गए हैं। क्रेडाई द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गोयल ने ये बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि रेरा ने रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता और निश्चितता ला दी है। मंत्री ने कहा कि जब से रेरा लागू किया गया है, आप इस बात की सराहना करेंगे कि इसके जरिये जो अनुशासन लाया गया है, वह ईमानदार तथा निष्ठावान डेवलपर के लिए अच्छा है। रियल एस्टेट क्षेत्र बेहतरीन काम कर रहा है, चाहे वह रोजगार सृजन हो, राष्ट्र की आवश्यकताओं को पूरा करना हो।
‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’
मंत्री ने साथ ही कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कहना है कि ‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’ और आप सभी को भी यह संकल्प करना होगा कि आप आसान रास्ते (शॉर्टकट) अपनाने की कोशिश नहीं करेंगे। यदि आपका उद्योग नियमों के तहत काम करने के लिए तैयार है, तो मैं आपके साथ आऊंगा और इस दिशा में काम करूंगा। इससे पहले, क्रेडाई के अध्यक्ष ईरानी ने कहा कि उद्योग को सस्ती दर पर जमीन, सरल भवन उपनियम और अंतिम छोर तक बुनियादी ढांचे की जरूरत है। वित्तीय समस्याओं पर ईरानी ने कहा कि रियल एस्टेट डेवलपर को भूमि खरीदने के लिए बैंकों से कर्ज नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा, हमें किसी भी अन्य उद्योग की तरह बैंक से वित्त मिलना चाहिए। हमें गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) से महंगा कर्ज लेने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
आरबीआई और वित्त मंत्रालय से चर्चा करेंगे
क्रेडाई के अध्यक्ष बोमन ईरानी के रियल एस्टेट को अन्य उद्योगों की तरह वित्त नहीं मिलने के सवाल पर गोयल ने कहा कि वह इस मुद्दे को आरबीआई और वित्त मंत्रालय के समक्ष उठाएंगे। उन्होंने कहा, यदि आपको लगता है कि इसपर और अधिक जोर देने की जरूरत है, तो सरकार क्रेडाई और आपके विभिन्न संगठनों के साथ मिलकर काम कर खुश होगी। गोयल ने कहा, यदि आरबीआई को लेकर कोई समस्या है तो मैं इसपर चर्चा करने और इसे केंद्रीय बैंक तथा वित्त मंत्रालय के समक्ष उठाने के लिए तैयार हूं, क्योंकि उद्योग मंत्री के तौर पर आप लोग मुझसे जुड़े हैं।