आपको जानकार शायद यह आश्चर्य होगा कि भारत में डिजिटल रुपये के इस्तेमाल करने वालों की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है। इस साल अप्रैल के अंत तक केवल एक लाख लोग डिजिटल मुद्रा का इस्तेमाल कर थे, जो अब बढ़कर 13 लाख हो गई है। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि मौद्रिक प्राधिकरण साल के अंत तक डिजिटल रुपये में लेन-देन को 5,000-10,000 प्रतिदिन से बढ़ाकर 10 लाख प्रतिदिन करने की योजना बना रहा है। पायलट परियोजना में बैंकों की संख्या शुरू में आठ थी जो अब बढ़कर 13 हो गयी है। वर्तमान में सीबीडीसी के 13 लाख लोग हैं, जिनमें तीन लाख कारोबारी हैं।
सिर्फ HDFC बैंक ने 1.7 लाख से ज्यादा कारोबारियों को जोड़ा
एचडीएफसी बैंक ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि उसने पायलट आधार पर जारी सेंट्रल बैंक डिजिटल रुपये (सीबीडीसी) से एक लाख से अधिक ग्राहकों और 1.7 लाख से ज्यादा व्यापारियों को जोड़ा है। बैंक ने आपसी लेन-देन को सुलभ बनाने के लिये ई-रुपया मंच के साथ यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) ‘क्यूआर कोड’ भी चालू किया है। सीबीडीसी केंद्रीय बैंक की तरफ से जारी मुद्रा का डिजिटल रूप है। भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले साल नवंबर में थोक खंड में पायलट आधार पर सेंट्रल बैंक डिजिटल मुद्रा कार्यक्रम शुरू किया था। दिसंबर में इसे खुदरा लेन-देन के लिये पेश किया गया था।
डिजिटल रुपये में भुगतान लेने की सुविधा शुरू हुई
शंकर ने कहा कि इस साल अप्रैल के अंत तक केवल एक लाख लोग डिजिटल रुपये के इस्तेमाल करने वाले थे, जो अब बढ़कर 13 लाख हो गये हैं। सीबीडीसी पेश करने के बाद केंद्रीय बैंक ने जून में यूपीआई के जरिये डिजिटल रुपये के आपस में लेन-देन की घोषणा की। एचडीएफसी बैंक ने बृहस्पतिवार को ‘यूपीआई क्यूआर कोड’ शुरू करने के साथ कहा कि वह एकीकरण प्रक्रिया पूरी करने वाले पहले बैंकों में से एक है। बैंक ने इसमें शामिल व्यापारियों को अपने ग्राहकों से डिजिटल रुपये में भुगतान को स्वीकार करने की अनुमति दी है। इससे दैनिक लेन-देन में सीबीडीसी का उपयोग बढ़ा है।
‘यूपीआई क्यूआर कोड’ स्कैन कर लेन-देन कर पाएंगे
सीबीडीसी से जुड़े ग्राहक संबंधित टर्मिनल पर ‘यूपीआई क्यूआर कोड’ को स्कैन कर डिजिटल रुपये में आपस में लेन-देन कर सकते हैं। एचडीएफसी बैंक फिलहाल 26 शहरों में ई-रुपया भुगतान सुविधा प्रदान कर रहा है। इसमें सभी प्रमुख महानगरों के अलावा भुवनेश्वर, गुवाहाटी, गंगटोक, इंदौर, भोपाल, लखनऊ, पटना, कोच्चि, गोवा, शिमला, जयपुर, रांची, नागपुर, वाराणसी, विशाखापत्तनम, पुडुचेरी और विजयवाड़ा जैसे शहर शामिल हैं।