Highlights
- पेट्रोल और विमान ईंधन एटीएफ पर छह रुपये प्रति लीटर की दर से कर लगाया गया था
- अब पेट्रोल से कर खत्म कर दिया गया है, जबकि डीजल के लिए यह सात रुपये प्रति लीटर है
- में भारत ने 46.8 लाख टन पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात किया जिसमें से 82 प्रतिशत पेट्रोल ईंधन था
Petrol-Diesel Export: पेट्रोल-डीजल निर्यात पर सरकार द्वारा अप्रत्याशित लाभ कर लगाए जाने के बाद जुलाई में भारत का डीजल निर्यात 11 प्रतिशत घट गया, वहीं पेट्रोल का निर्यात 4.5 प्रतिशत कम रहा। आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) के आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई में डीजल निर्यात घटकर 21.8 लाख टन रह गया जो इसके पिछले महीने 24.5 लाख टन था। इसी तरह पेट्रोल निर्यात जो जून में 11.6 लाख टन था, जुलाई में गिरकर 11 लाख टन रह गया। भारत में अप्रत्याशित लाभ कर पहली बार एक जुलाई को लगाया गया था।
डीजल पर 13 रुपये प्रति लीट बढ़ाया गया था टैक्स
पेट्रोल और विमान ईंधन एटीएफ पर छह रुपये प्रति लीटर की दर से कर लगाया गया था और डीजल पर यह 13 रुपये प्रति लीटर था। इन करों में 20 जुलाई, दो अगस्त और 19 अगस्त को संशोधन किया गया। अब पेट्रोल से कर खत्म कर दिया गया है, जबकि डीजल के लिए यह सात रुपये प्रति लीटर और विमान ईंधन के लिए दो रुपये प्रति लीटर है। जुलाई में भारत ने 46.8 लाख टन पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात किया जिसमें से 82 प्रतिशत पेट्रोल, डीजल और विमान ईंधन था। पीपीएसी के आंकड़ों के मुताबिक, विमान ईंधन का निर्यात भी जुलाई में मामूली रूप से कम होकर 5,83,000 टन रहा है जो जून में 5,91,000 टन था।
अप्रत्याशित लाभ कर बढ़ाने का फैसला हैरान करने वाला: विश्लेषक
स्थानीय तेल उत्पादकों पर लगने वाले अप्रत्याशित लाभ कर में कटौती उम्मीद के मुताबिक है, लेकिन ऐसा अनुमान नहीं था कि विमान ईंधन (एटीएफ) और डीजल निर्यात पर कर में वृद्धि की जाएगी क्योंकि स्थानीय बाजारों में इनकी अच्छी आपूर्ति हो रही है। विश्लेषकों ने शुक्रवार को यह राय जताई। सरकार ने अप्रत्याशित लाभ कर की तीसरे पखवाड़े की समीक्षा में डीजल के निर्यात पर कर पांच रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर सात रुपये प्रति लीटर कर दिया है, वहीं विमान ईंधन के निर्यात पर फिर दो रुपये प्रति लीटर का कर लगाया गया है। घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर कर को 17,750 रुपये प्रति टन से घटाकर 13,000 रुपये प्रति टन किया गया है। इस महीने की शुरुआत में सरकार ने विमान ईंधन के निर्यात पर अप्रत्याशित लाभ कर खत्म कर दिया था। सरकार ने एक जुलाई को पेट्रोल और एटीएफ पर छह रुपये प्रति लीटर तथा डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर का निर्यात शुल्क लगाया था। इसके अलावा कच्चे तेल के घरेलू उत्पादन पर 23,250 रुपये प्रति टन का अप्रत्याशित लाभ कर लगाया गया था। उस समय वित्त मंत्रालय ने कहा था कि हर पखवाड़े कर की समीक्षा की जाएगी। पहले पखवाड़े की समीक्षा के बाद, 20 जुलाई को सरकार ने पेट्रोल के निर्यात पर छह रुपये प्रति लीटर की दर से लागू निर्यात शुल्क को खत्म कर दिया था। वहीं डीजल एवं एटीएफ के निर्यात पर लगने वाले कर में दो-दो रुपये की कटौती कर इसे क्रमशः 11 रुपये एवं चार रुपये प्रति लीटर कर दिया गया था।