DGCA Suspends Pilot License: डीजीसीए (DGCA) ने स्पाइसजेट के एक विमान के खराब मौसम में गंभीर रूप से हिलने-डुलने और कई यात्रियों के घायल होने की घटना के सिलसिले में स्पाइसजेट (Spicejet) के पायलट का लाइसेंस छह महीने के लिए निलंबित कर दिया है। यह घटना एक मई को हुई थी। विमान मुंबई (Mumbai) से दुर्गापुर की उड़ान पर था। उस समय बताया गया था कि विमान के गंभीर वायुमंडलीय विक्षोभ के संपर्क में आने के कारण उसमें सवार 14 यात्री और चालक दल के तीन सदस्य घायल हो गए।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को बताया कि विभिन्न उल्लंघनों की वजह से विमान के प्रमुख पायलट का लाइसेंस छह महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि पायलट खराब मौसम की स्थिति से बेहतर तरीके से निपट सकता था। इसके अलावा लाइसेंस निलंबित करने के और भी कई कारक हैं। इस कार्रवाई पर विमानन कंपनी स्पाइसजेट की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। इस मामले की जांच विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) कर रहा था। डीजीसीए के अनुसार मुंबई-दुर्गापुर की इस उड़ान में दो पायलट और चालक दल के चार अन्य सदस्यों समेत 195 लोग सवार थे।
पक्षी के टकराने से इंजन में खामी
19 जून को पटना से दिल्ली के लिए उड़ान भरने के बाद स्पाइसजेट के विमान के इंजन में आग लग गयी थी और 184 यात्रियों को लेकर उड़े विमान को कुछ ही मिनट बाद आपात स्थिति में उतारा गया। दरअसल विमान से किसी पक्षी के टकराने से इंजन में खामी आ गयी थी।
DGCA लिख चुका है पत्र
डीजीसीए इसे लेकर पत्र भी लिख चुका है, जिसमें उसके द्वारा कहा गया था कि सभी हवाईअड्डा संचालकों के कमियों का पता लगाने के लिए उनके वन्यजीव जोखिम प्रबंधन कार्यक्रम की समीक्षा की जाए। बता दें, डीजीसीए ने हवाईअड्डा संचालकों से वन्यजीव जोखिम का आकलन करने को कहा है। इसके अलावा नियमित गश्त करने को भी कहा गया है।
स्पाइसजेट से सबसे अधिक लोग करते हैं ट्रेवल
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने अपने ताजा हवाई यातायात आंकड़ों में कहा कि घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या जुलाई में घटकर 97.05 लाख रह गई है। स्पाइसजेट ने सबसे ज्यादा 84.7 फीसदी ऑक्यूपेंसी दर्ज की, इसके बाद इंडिगो (77.7 फीसदी), एयर इंडिया (71.1 फीसदी) और गो फर्स्ट (76.5 फीसदी) का स्थान रहा। आंकड़ों पर नजर डाले तो पता चलता है कि विवाद में रहने के बावजूद भी स्पाइसजेट यात्रियों की पहली पसंद बनी रही।