परिंदों का विमान से टकराना किसी आपदा से कम नहीं होता है। लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद हाल के दिनों में कुछ घटनाओं ने भारतीय आकाश में विमानों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इसे देखते हुए देशभर में हवाईअड्डों पर पक्षियों और अन्य जीवों के विमानों से टकराने की घटनाएं रोकने के लिए नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने शनिवार को दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसके तहत पक्षियों की नियमित गश्त और किसी भी तरह की वन्यजीव गतिविधि पर पायलटों को सूचना देने को कहा।
बाल बाल बचे थे गोफर्स्ट और स्पाइसजेट के विमान
पिछले कुछ हफ्तों में विमानों से पक्षियों के टकराने की कई घटनाएं सामने आई हैं। गत चार अगस्त को भी गोफर्स्ट एयरलाइन के विमान ने चंडीगढ़ के लिए उड़ान भरी थी लेकिन एक पक्षी से टकराने के बाद उसे अहमदाबाद हवाईअड्डे पर लौटना पड़ा था। इसके पहले गत 19 जून को पटना से दिल्ली के लिए उड़ान भरने के बाद स्पाइसजेट के विमान के इंजन में आग लग गयी थी और 184 यात्रियों को लेकर उड़े विमान को कुछ ही मिनट बाद आपात स्थिति में उतारा गया। दरअसल विमान से किसी पक्षी के टकराने से इंजन में खामी आ गयी थी।
DGCA ने लिखा पत्र
डीजीसीए ने शनिवार को जारी अपने परिपत्र में कहा कि सभी हवाईअड्डा संचालकों से कमियों का पता लगाने के लिए उनके वन्यजीव जोखिम प्रबंधन कार्यक्रम की समीक्षा करने का अनुरोध किया गया है। किसी भी हवाईअड्डे में और उसके आसपास के क्षेत्र में सख्ती से इस दिशानिर्देश पर अमल करने को कहा गया है। डीजीसीए ने हवाईअड्डा संचालकों से वन्यजीव जोखिम का आकलन करने को कहा है। इसके अलावा नियमित गश्त करने को भी कहा गया है।