टाटा ग्रुप की एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया के लिए मुसीबतें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। एयर इंडिया पर अब एक बार फिर भारी वित्तीय जुर्माना लगाया गया है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने नॉन-क्वालिफाइड क्रू मेंबर्स के साथ फ्लाइट ऑपरेट करने के लिए एयर इंडिया पर 98 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। डीजीसीए ने इसके अलावा, एयर इंडिया के डायरेक्टर ऑपरेशन्स पर 6 लाख रुपये और डायरेक्टर ट्रेनिंग पर 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
जांच में सामने आए कई नियामक उल्लंघन
डीजीसीए ने कहा कि एयर इंडिया ने एक नॉन-ट्रेनर लाइन कैप्टन और एक नॉन-रिलीज्ड फर्स्ट ऑफिसर के साथ फ्लाइट ऑपरेट की। एयरलाइन द्वारा स्वेच्छा से रिपोर्ट की गई इस घटना के बाद डीजीसीए ने एयरलाइन के ऑपरेशन्स की व्यापक जांच की, जिसमें कई नियामक उल्लंघन सामने आए।
डीजीसीए द्वारा जारी किए गए कारण बताओ नोटिस का नहीं मिला संतोषजनक जवाब
डीजीसीए ने कहा, "जांच के आधार पर, प्रथम दृष्टया पाया गया कि एयर इंडिया के कई अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा विनियामक प्रावधानों में कमियां और कई उल्लंघन हैं, जिससे सुरक्षा पर काफी बुरा असर पड़ सकता है।" 22 जुलाई, 2024 को, एयर इंडिया के फ्लाइट कमांडर और स्वीकृत पदधारकों को डीजीसीए द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। जिसके बाद, दिए गए जवाबों को असंतोषजनक माना गया, जिसके बाद नागरिक उड्डयन नियामक डीजीसीए ने मौजूदा नियमों के तहत कार्रवाई करने और जुर्माना लगाने का फैसला किया।
एयर इंडिया पर मार्च में लगाया गया था 80 लाख रुपये का जुर्माना
बताते चलें कि इससे पहले डीजीसीए ने मार्च में एयर इंडिया पर पायलट रेस्ट पीरियड रूल्स के उल्लंघन के लिए 80 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। उस मामले में डीजीसीए ने कहा था कि उन्होंने जनवरी 2024 में एयरलाइन का ऑडिट किया गया था ताकि ये पता लगाया जा सके कि एयर इंडिया फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट (FDTL) के नियमों का अनुपालन कर रही है या नहीं।