सिविल एविएशन रेगुलेटर यानी नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने पायलटों के लिए संशोधित उड़ान ड्यूटी नियमों को लागू करने के लिए बुधवार को एयरलाइन कंपनियों को सांकेतिक समयसीमा उपलब्ध के लिए कहा है। विमानन क्षेत्र के नियामक ने मार्च में उड़ान ड्यूटी समयसीमा (एफडीटीएल) मानदंडों के कार्यान्वयन को स्थगित कर दिया था क्योंकि एयरलाइन कंपनियां इन्हें लागू करने के लिए अधिक समय मांग रही थीं। भाषा की खबर के मुताबिक, एफडीटीएल मानदंडों से संबंधित चार मामले इस महीने दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष सुनवाई के लिए आए।
8 मई तक का दिया वक्त
अदालत ने डीजीसीए से 8 मई को अगली सुनवाई पर संशोधित मानदंड लागू करने की संभावित तारीख बताने को कहा है। इसको ध्यान में रखते हुए निगरानी संस्था ने एयरलाइन कंपनियों से संशोधित मानदंडों के कार्यान्वयन के लिए जरूरी समयसीमा बताने को कहा है। ये मानदंड शुरू में 1 जून से लागू होने वाले थे। ये मानदंड पायलटों की थकान को कम करने के प्रयास के तहत उनके लिए आराम का अधिक समय प्रदान करते हैं।
आराम का समय 48 घंटे तक बढ़ जाएगा
इनमें पायलटों को साप्ताहिक आराम का समय 48 घंटे तक बढ़ जाएगा और रात में लैंडिंग की संख्या दो तक सीमित हो जाएगी। इसके अलावा, पायलटों के लिए रात का समय आधी रात से तड़के छह बजे तक की अवधि के लिए बढ़ाया जाएगा, जबकि पहले यह आधी रात से तड़के पांच बजे तक था। इससे रात में कॉकपिट में पायलटों के काम करने के घंटे लिमिटेड हो जाएंगे। सरकार की तरफ से फरवरी में कहा गया था कि वह एक पायलट द्वारा की जाने वाली फ्लाइट्स की संख्या सीमित करना चाहते हैं।
नए नियमों के मुताबिक, रात में उड़ान भरने वाले पायलट के लिए अधिकतम उड़ान ड्यूटी की अवधि 13 से घटाकर 10 घंटे कर दी है। साथ ही रात की परिभाषा में भी संशोधन किया गया है, जो अब पिछले नियमों के तहत रात 12 बजे से सुबह 5 बजे तक की जगह रात 12 बजे से सुबह 6 बजे तक शामिल है।