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जम्मू-कश्मीर के विकास को लगेंगे पंख, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस नीति को दी मंजूरी

सरकार दो हजार स्टार्टअप स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन कम संख्या में सावधानी से चुने गए स्टार्टअप को सीड फंडिंग प्रदान करके सरकार दीर्घकालिक आर्थिक विकास के लिए गुणवत्ता से अधिक मात्रा को प्राथमिकता दे सकती है।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: February 23, 2024 7:59 IST
Jammu and Kashmir - India TV Paisa
Photo:FILE जम्मू-कश्मीर

जम्मू-कश्मीर का कायाकल्प करने के लिए केंद्र सरकार लगातार काम कर रही है। राज्य में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए बड़े निवेश किया जा रहे हैं। अब इसी दिशा में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक परिषद (एसी) की बैठक में जम्मू-कश्मीर स्टार्टअप नीति 2024-27 को मंजूरी दी गई है। इस फैसले से जहां एक ओर राज्य के युवा उद्यमी बन पाएंगे और बिजनेस की दुनिया में अपना परचम लहार पाएंगे। वहीं, दूसरी ओर बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, इस नीति का उद्देश्य अगले पांच साल में जम्मू-कश्मीर में दो हजार स्टार्टअप तैयार करना है।

250 करोड़ का वेंचर कैपिटल फंड स्थापित करेगी

बयान में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर सरकार 250 करोड़ रुपये का वेंचर कैपिटल फंड स्थापित करेगी। इस फंड में प्रारंभिक फंड के रूप में अधिकतम 25 करोड़ रुपये लगाएगी। बयान में कहा गया है कि वेंचर कैपिटल फंड मुख्य रूप से जम्मू-कश्मीर के मान्यता प्राप्त स्टार्ट-अप में निवेश करेगा। वित्त विभाग के परामर्श से फंड के निर्माण और इसके उपयोग के लिए विस्तृत तौर-तरीकों पर काम किया जायेगा। बयान में कहा गया है कि विभाग विकास की अच्छी संभावना वाले स्टार्टअप्स को भूमि आवंटन की सुविधा के लिए एक तंत्र पर भी काम कर सकता है।

सीड फंडिंग के रूप में एकमुश्त सहायता दी जाएगी 

बयान में कहा गया है कि जेकेईडीआई द्वारा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स को 20 लाख रुपये (चार बराबर किस्तों) तक की सीड फंडिंग के रूप में एकमुश्त सहायता का भी प्रावधान है, जो स्टार्टअप्स के लिए एक नोडल एजेंसी है। सीड फंडिंग के लिए हर साल 25 स्टार्टअप की सीमा है जो उपलब्ध बजट और प्रबंधनीय संख्या में स्टार्टअप को प्रभावी ढंग से समर्थन देने की इच्छा पर आधारित निर्णय है।

सरकार दो हजार स्टार्टअप स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन कम संख्या में सावधानी से चुने गए स्टार्टअप को सीड फंडिंग प्रदान करके सरकार दीर्घकालिक आर्थिक विकास के लिए गुणवत्ता से अधिक मात्रा को प्राथमिकता दे सकती है। इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि संसाधनों का कुशलतापूर्वक उपयोग किया जाए। तीन साल की अवधि के लिए स्टार्टअप नीति के कार्यान्वयन के लिए बजटीय सहायता 39.60 करोड़ रुपये होगी।

इनपुट: आईएएनएस

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