China Taiwan Crisis: रूस और यूक्रेन के बीच 24 फरवरी को शुरु हुआ युद्ध अभी तक थमा नहीं है। यूरोप के इन दो देशों के झगड़े से दुनिया भर में तेल से लेकर गेहंू का संकट पैदा हो गया है। अब भारत के बेहद नजदीक चीन और ताइवान के बीच जंग की बिसात बिछती दिख रही है। यहां भी किसी भी समय युद्ध की औपचारिक शुरूआत होने का डर सता रहा है। तो क्या एक और युद्ध दुनिया में आर्थिक तबाही की इबारत लिखने जा रहा है। क्या इस युद्ध का भारत पर भी बुरा असर पड़ेगा।
भारतीय रिजर्व बैंक यानि आरबीआई, के गवर्नर शक्तिकांत दास ने ताइवान चीन संकट का भारत पर असर पड़ने से इनकार किया है। आरबीआई गवर्नर ने शुक्रवार को कहा कि भारत पर ताइवान के किसी प्रतिकूल घटनाक्रम का प्रभाव पड़ने की आशंका नहीं है। उन्होंने कहा कि देश के कुल निर्यात में ताइवान की हिस्सेदारी केवल 0.7 प्रतिशत है। वहां से पूंजी प्रवाह भी अधिक नहीं है।
चीन और ताइवान के बीच बढ़े विवाद के संदर्भ में दास ने यहां संवाददाताओं से कहा, जहां तक भारत का सवाल है। आपको पता है, ताइवान के साथ हमारा व्यापार बहुत कम है। यह हमारे कुल व्यापार का 0.7 प्रतिशत है। इसीलिए भारत पर वहां के संकट का असर पड़ने की आशंका बहुत.बहुत कम है।
उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और अन्य माध्यमों के जरिये ताइवान से पूंजी प्रवाह भी बहुत कम है। दास ने कहा, इसीलिए भारत वास्तव में ताइवान में क्या हो रहा है या क्या होने की संभावना है, के संबंध में प्रभावित नहीं होने वाला है।
श्रीलंका की गतविधियों के बारे में गवर्नर ने कहा कि इस बारे में कोई भी चर्चा सरकार करेगी। आरबीआई केवल भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव के संदर्भ में आर्थिक गतिविधियों का अध्ययन करता है।