देश के बड़े और प्रमुख शहरों में प्रीमियम ऑफिस स्पेस की डिमांड बेहतर नजर आ रही है। अनुमान है कि इस साल डिमांड सात करोड़ वर्ग फुट से अधिक रहेगी। कुशमैन एंड वेकफील्ड इंडिया के प्रमुख अंशुल जैन ने शुक्रवार को यह बात कही। भाषा की खबर के मुताबिक, अब घर से काम करना भारतीय वाणिज्यिक रियल एस्टेट बाजार के लिए चिंता का विषय नहीं रह गया है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, जानी-मानी ग्लोबल रियल एस्टेट कंसल्टेंट में से एक कुशमैन एंड वेकफील्ड, वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) और प्रमुख क्षेत्रों में घरेलू कंपनियों की हाई डिमांड के चलते भारतीय कार्यालय बाजार को लेकर उत्साहित है।
भारत को अब दुनिया का ऑफिस कहा जाने लगा
खबर के मुताबिक, कुशमैन एंड वेकफील्ड के भारत और दक्षिण पूर्व एशिया के मुख्य कार्यकारी और एशिया पैसिफिक टेनेंट रिप्रेजेंटेशन के प्रमुख जैन ने कहा कि दिलचस्प बात यह है कि भारत को अब दुनिया का ऑफिस कहा जाने लगा है। भारत में डिमांड एशिया और वास्तव में बाकी दुनिया में सबसे ज्यादा है। उन्होंने कहा कि सात प्रमुख शहरों में भारतीय कार्यालय बाजार में बहुत मजबूत मांग देखी जा रही है, सकल पट्टे और शुद्ध पट्टे दोनों के लेवल कोविड-19 वैश्विक महामारी के पहले के लेवल के आसपास पहुंच गए हैं।
इस साल डिमांड बनी रहेगी
जैन ने कहा कि ऑफिस मार्केट के नजरिए से वर्ष 2020 को छोड़कर, निश्चित रूप से साल 2021, 2022 के कुछ समय और 2023 बहुत मजबूत वर्ष रहे हैं और हमें उम्मीद है कि 2024 में यह ट्रेंड बना रहेगा। वर्ष 2024 में मांग को लेकर पूछे जाने पर जैन ने कहा कि भारत में सकल पट्टेदारी गतिविधि इस साल सात करोड़ वर्ग फुट से ज्यादा बनी रहेगी।
मुझे अगले कुछ सालों में भी यही ट्रेंड होता दिख रहा है। कुशमैन एंड वेकफील्ड के आंकड़ों के मुताबिक, टॉप आठ शहरों में कैलेंडर वर्ष 2023 में सकल कार्यालय पट्टेदारी रिकॉर्ड 7.46 करोड़ वर्ग फुट थी, जबकि कार्यालय स्थान शुद्ध पट्टेदारी 4.11 करोड़ वर्ग फुट थी।