Highlights
- पुलिस ने बताया कि अब तक 256 केस किए जा चुके दर्ज
- नई दिल्ली जिले से एक भी मामला नहीं
- 31 जुलाई तक कुल 137 गिरफ्तारी
Chinese Manjha: चाइनीज मांझे पर 2017 में एनजीटी (NGT) ने बैन लगा दिया था। उसके बावजूद भी इसका धड़ल्ले से कारोबार हो रहा है और यह कई लोगों के मौत का कारण भी बन रहा है। मांझे से न केवल आदमी की मौत हो रही है बल्कि ये कई पशु-पक्षियों को भी अपने जद में ले रहा है।
दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के आंकड़ो पर नजर डाले तो पता चलता है कि अकेले जुलाई महीने में चाइनीज मांझे ने 6 लोगों की जान ली है। गुरुवार को दिल्ली हाइकोर्ट (Delhi Highcourt) में पुलिस ने बताया कि अब तक 256 केस किए जा चुके हैं, साथ ही उन्हें एनवायरनमेंट प्रोटेक्शन एक्ट के तहत पकड़ा भी गया है।
पतंगबाज के आगे पुलिस की चुप्पी
15 अगस्त तक दिल्ली में पतंग उड़ाने का प्रचलन है। ऐसा पिछले कई साल से होता चला आ रहा है। पतंगबाज मजबूत मांझे की डिमांड करते हैं ताकि आसमान में पतंग उड़ाते समय उनकी पतंग कट ना पाए। बढ़ती डिमांड पर दुकानदार चोरी-छिपे बेच रहे हैं। मजबूत मांझे से उनकी पतंग तो नहीं कटती, लेकिन लोगों के गले जरूर कट जाते हैं। पुलिस के मुताबिक, जख्मी लोगों की लिस्ट उनके पास बेहद कम है। अगर उनके पास कॉल आते तो वह कार्रवाई जरूर करते, लेकिन लोग घायल होने के बाद चुपचाप प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज करा लेते हैं। अगर सरकार में इलाज कराया तो रिपोर्ट नहीं लिखवाते हैं।
नई दिल्ली जिले से एक भी मामला नहीं
25 जुलाई को मौर्या एनक्लेव थाना में सुमित रंगा नाम के एक व्यक्ति की मांझे से गला कटने से मौत हो गई। 32 वर्षीय व्यक्ति रोहिणी का रहने वाला था। घटना के बाद पुलिस एक्शन में आ गई और छापेमारी शुरु कर दी। इस साल सबसे ज्यादा मांझे की बरामदगी नॉर्थ वेस्ट जिले से की गई है, जहां 7 अलग-अलग केस में 11,923 चरखियां पकड़ी गई है। बता दें, नई दिल्ली जिला इलाके में कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है।
31 जुलाई तक इन जिलों में हुई 137 गिरफ्तारी
- द्वारका- 6
- वेस्ट- 21
- आउटर- 24
- साउथ ईस्ट-7
- साउथ-10
- सेंट्रल-2
- नॉर्थ-11
- शाहदरा-5
- ईस्ट-3
- नॉर्थ ईस्ट-10
- रोहिणी-12
- आउटर नॉर्थ-1
- नॉर्थ वेस्ट-6
- साउथ वेस्ट-19
- नई दिल्ली-0