महंगाई की मार से परेशान दिल्ली वालों के लिए अच्छी खबर है। अब वे पहले की तरह कम कीमत में बाइक टैक्सी का मजा उठा सकेंगे। दिल्ली हाइकोर्ट ने दिल्ली सरकार द्वारा रैपिडो (Rapido) , ओला (Ola), उबर (Uber) की बाइक टैक्सी पर लगाई गई रोक पर हाइकोर्ट ने स्टे दे दिया है। कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि इन कंपनियों की सर्विस पर इस तरह की रोक लगाना ठीक नहीं है।
बता दें कि इसी साल फरवरी में दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने एप आधारित बाइक टैक्सी सर्विस जैसे ओला-उबर और रैपिडो पर अचानक रोक लगा दी थी। इन कंपनियों ने केजरीवाल सरकार के फैसले के खिलाफ कंपनियों ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। आज दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार के फैसले पर रोक लगाते हुए तीनों कंपनियों को राहत दी है।
क्यों लगी थी रोक
दिल्ली सरकार ने इस साल फरवरी में एक आदेश के साथ दोपहिया रेंटल सर्विस को रोक दिया था। सरकार की दलील थी कि ये कंपनियां नियमों का पालन नहीं कर रही हैं। कैब एग्रीगेटर कंपनियों ने इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने दिल्ली के ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट को निर्देश दिया है वो पहले कैब कंपनियों से लिए पॉलिसी बनाए। जब तक वो पॉलिसी नहीं बना लेते, तब तक वो इन कंपनियों के खिलाफ कोई कदम न उठाए।
प्राइवेट वाहनों का हो रहा था इस्तेमाल
दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग के अनुसार बहुत सी प्राइवेट रजिस्ट्रेशन नंबर वाली बाइक्स का इस्तेमाल ओला-उबर की बाइक सर्विस के लिए किया जा रहा है। प्राइवेट नंबर का इस्तेमाल कमर्शियल इस्तेमाल के लिए किया जा रहा है, जो मोटर व्हीक्लस एक्ट 1988 के खिलाफ है। हाइकोर्ट के आदेश के बाद साफ है कि जब तक दिल्ली सरकार बाइक सर्विस को लेकर कोई पॉलिसी नहीं बना लेती, जब तक उन्हें राहत मिल गई है।