दिल्ली सरकार (Delhi Government) द्वारा राजधानी की जनता को दी जा रही मुफ्त बिजली (Free Electricity) को लेकर फाइलें एक बार फिर से खुलने जा रही हैं। राष्ट्रीय राजधानी में बिजली वितरण कंपनियों को छह साल में मिली सब्सिडी का विशेष ‘ऑडिट’ होगा। दिल्ली सरकार ने बिजली नियामक DERC को वर्ष 2016 से 2022 तक के बिजली सब्सिडी वितरण के संबंध में वितरण कंपनियों का विशेष लेखा परीक्षण करने का निर्देश जारी किया है।
दिल्ली सरकार के विशेष सचिव (बिजली) रवि धवन की तरफ से मंगलवार को जारी आदेश में कहा गया कि पावर एक्ट, 2003 के सेक्शन 108 के तहत प्राप्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उपराज्यपाल ने दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (DERC) को नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) के पैनल में शामिल लेखा-परीक्षकों के माध्यम से विशेष ‘ऑडिट’ करने का निर्देश दिया है।
दिल्ली सरकार का मानना है कि विशेष ऑडिट से खुलासा हो जाएगा कि क्या कोई अनियमितता हो रही है। इससे दिल्ली में बिजली सब्सिडी के वितरण को बेहतर करने में भी मदद मिलेगी। आदेश के अनुसार, वितरण कंपनियों को जारी की गई बिजली सब्सिडी (Power Audit) को लेकर विशेष लेखा परीक्षण में 2016-17 से 2021-22 की अवधि को लिया जाएगा। इसके अनुसार, लेखा परीक्षण यह सुनिश्चित करेगा कि सब्सिडी पारदर्शी और कुशल तरीके से लक्षित लाभार्थियों तक पहुंचे।
इस आदेश पर दिल्ली की बिजली मंत्री आतिशी (Delhi Power Minister Aatishi) के अनुसार दिल्ली में बिजली ऑडिट की यह कवायद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के निर्देशों के बाद की जा रही है। इसके लिए एक फाइल 27 मार्च को उप-राज्यपाल कार्यालय भेजी गई थी। मंगलवार को वहां से मंजूरी मिल गई है। जिसके बाद केजरीवाल सरकार ने ऑडिट के लिए अधिसूचना जारी कर दी।