2024 के पहले दिन यानी सोमवार (1 जनवरी) को जीएसटी क्लेक्शन को लेकर खुशखबरी आई है। ये सालाना आधार पर 10 प्रतिशत बढ़कर 1.65 लाख करोड़ रुपये हो गया है। वित्त मंत्रालय की ओर से एक जनवरी को ये जानकारी दी गई। यह लगातार दसवां महीना है जब जीएसटी क्लेक्शन 1.5 लाख करोड़ रुपये के पार रहा है। हालांकि, दिसंबर का जीएसटी क्लेक्शन नवंबर के आंकड़े 1.68 लाख करोड़ से कम है।
वित्त मंत्रालय की ओर से बताया गया कि अप्रैल-दिसंबर 2023 में खुल जीएसटी कलेक्शन 14.97 लाख करोड़ रुपये का रहा है, जो कि पिछले वर्ष समान अवधि में 13.40 लाख करोड़ रुपये रही थी।
औसत जीएसटी क्लेक्शन 1.66 लाख करोड़
दिसंबर के जीएसटी क्लेक्शन के आंकड़े को मिला दिया जाए तो चालू वित्त वर्ष में औसत जीएसटी क्लेक्शन 1.66 लाख करोड़ रुपये रहा है। औसत जीएसटी क्लेक्शन में सालाना आधार पर तेजी देखी जा रही है। वित्त वर्ष 2017-18 जब जीएसटी लागू हुआ था, तब औसत जीएसटी क्लेक्शन 1 लाख करोड़ रुपये के आसपास था। कोरोना महामारी के कारण वित्त वर्ष 2020-21 में इसमें गिरावट देखने को मिली थी, लेकिन 2022-23 में इसमें जबरदस्त रिकवरी देखने को मिली थी और ये 1.51 लाख करोड़ के औसत आंकड़े को पार कर गया है।
दिसंबर के जीएसटी क्लेक्शन में 37,935 करोड़ रुपये का स्टेट जीएसटी और 30,443 करोड़ रुपये का सेंट्रल जीएसटी एकत्रित किया है। वहीं, 84,255 करोड़ रुपये का आईजीएसटी एकत्रित किया गया है। इसमें 12,249 करोड़ रुपये का सेस भी है। सरकार ने आईजीएसटी पूल से केंद्रीय जीएसटी को 40,057 करोड़ रुपये और राज्य जीएसटी को 33,652 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। बता दें, वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में केंद्र सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए अपने जीएसटी संग्रह में 12 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया गया था।